लखनऊ, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चार पर्वितन यात्राओं के माध्यम से जनता और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों की थाह ले चुकी है। दो करोड़ लोगों से सीधे संवाद के बाद इन यात्राओं का समापन हो चुका है। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि टिकट वितरण के दौरान पार्टी के अंदरूनी सर्वे को भी आधार बनाया जाएगा।
लखनऊ, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चार पर्वितन यात्राओं के माध्यम से जनता और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों की थाह ले चुकी है। दो करोड़ लोगों से सीधे संवाद के बाद इन यात्राओं का समापन हो चुका है। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि टिकट वितरण के दौरान पार्टी के अंदरूनी सर्वे को भी आधार बनाया जाएगा।
मौर्य ने आईएएनएस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में दावे के साथ कहा कि चार परिवर्तन यात्राएं उप्र की सभी 403 विधानसभा सीटों से होकर गुजरी हैं। जनता की तरफ से जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली है, उसके आधार पर वह दावे के साथ कह सकते हैं कि उप्र विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी अपने दम पर 300 सीटों का आंकड़ा पार करेगी।
मौर्य ने कहा, “चारों परिवर्तन यात्राओं के बाद कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह है जिसका असर चुनाव के दौरान दिखाई देगा। सपा हाफ होगी, बसपा साफ होगी और भाजपा 300 के आंकड़े को पार करेगी।”
टिकट की घोषणा की तिथि के बारे में जब मौर्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घोषणा के बाद उनकी पार्टी में उम्मीदवार बदले नहीं जाते, जैसा कि अन्य दलों में होता है।
अंदरूनी सर्वे के आधार पर टिकट वितरण के सवाल पर मौर्य ने कहा, “सभी पार्टियां अपना सर्वे कराती हैं। भाजपा ने भी सर्वे कराया है और यह टिकट का आधार जरूर बनेगा, लेकिन इसके साथ-साथ संबंधित क्षेत्र में प्रत्याशी की लोकप्रियता और जनता के बीच उसकी पैठ को भी ध्यान में रखा जाएगा।”
अन्य राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता मौर्य ने कहा कि नोटबंदी से सपा, बसपा और कांग्रेस में बौखलाहट है। उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार केंद्र की योजनाओं में सहयोग नहीं करती है। केंद्र सरकार जो पैसा भेजती है उसे सही ढंग से खर्च नहीं किया जाता है। अखिलेश से जनता का मोहभंग हो चुका है।
कांग्रेस-सपा-रालोद के बीच गठबंधन की चर्चा पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है, अन्यथा उनको गठबंधन की जरूरत नही पड़ती। उन्हें चुनाव में हार का डर सता रहा है, इसलिए वह सहयोगियों की तलाश में जुटे हैं, लेकिन गठबंधन के बावजूद भाजपा 300 प्लस के मिशन में जरूर कामयाब होगी।
अन्य दलों से आए लोगों को टिकट देने के सवाल पर उन्होंने कहा, “दूसरी पार्टी का कोई भी नेता जब एक बार भाजपा में शामिल हो जाता है तो वह पार्टी का हो जाता है। जांच परख के बाद अगर लगेगा कि दूसरे दलों से आए नेता जीतने की स्थिति में हैं, तो उन्हें टिकट दिए जाने पर विचार किया जाएगा।”
छोटे-छोटे दलों के साथ भाजपा के गठबंधन के प्रश्न पर मौर्य ने कहा कि अपना दल और भाजपा की बात हो चुकी है, कुछ और दल हैं जिनसे बातचीत चल रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी दागियों एवं अपराधियों को टिकट देने से परहेज करेगी। ऐसे उम्मीदवार उतारने से पहले उनका इतिहास खंगाला जाएगा।
उप्र चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल पर मौर्य ने कहा कि भाजपा पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरेगी, जहां तक चेहरे का सवाल है तो पार्टी जो तय करेगी, उस फैसले के साथ आगे बढ़ा जाएगा।
राजनीतिक दलों से चुनावी मुकाबला के मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उप्र में कांग्रेस ऑक्सीजन पर चल रही है। बसपा पहले ही लड़ाई से बाहर है। कुल मिलाकर सपा के साथ थोड़ी-बहुत लड़ाई है। लेकिन उसकी भी करारी हार होगी।