नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। पूरी दुनिया 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने जा रही है। नर्सें वह नायाब प्रतिभायें हैं जो हमेशा पर्दे के पीछे रहते हुए चुपचाप मरीजों की स्थिति सुधारने की दिशा में काम करती हैं।
नर्सों के इसी गुण को याद करते हुए राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) की चीफ आफ नसिर्ंग कर्नल मधुमिता ढल्ल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पूरे नसिर्ंग समुदाय को फ्लोरेंस नाइटिंगेल के आदशरें को याद करना चाहिए।
‘नर्सेस- ए वॉयस टू लीड..हेल्थ फॉर ऑल’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कर्नल ढल्ल ने नर्सों के अंतहीन योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे देश को स्वस्थ रखने में नसिर्ंग समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। नसिर्ंग समुदाय पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ लोगों की सेवा करता है और पूरा देश इसके लिए आभारी है। हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य बड़े पैमाने पर मानवता के लिए उनके योगदान की सराहना करना और उनका जश्न मनाना है।”
ढल्ल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पूरे नसिर्ंग समुदाय के लिए आधुनिक नर्सिग की जनक और महान समाजसेवी फ्लोरेंस नाइटिंगेल को याद करने और उनके आदशरें के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का एक अवसर है।
ढल्ल ने कहा, “फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने नसिर्ंग को मानवता की सेवा के रूप में स्थापित किया था। उन्होंने नर्सों को समर्पण, प्रतिबद्धता और करुणा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। हमें भी उनके आदशरें पर चलने का प्रयास करना चाहिए।”
इस अवसर पर आरजीसीआईआरसी के सीईओ डॉ. डीएस नेगी ने कहा, ” नर्सों के बिना कोई व्यक्ति सहज निष्पादन के बारे में नहीं सोच सकता है और मेरा मानना है कि उनका योगदान एक डॉक्टर या मरीज के परिवार से भी अधिक है। “
डॉ. नेगी ने चुनौतियों का भी जिक्र किया और कहा कि नसिर्ंग क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है। नेगी ने कहा, “हम एक विशाल देश हैं और यहाँ पर शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिए, हमें लोगों को उचित स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने की आवश्यकता है। अगर गौर करें तो हम पश्चिमी दुनिया की तुलना में बहुत पीछे हैं, इसलिए हमें शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने और इस तरह के शिक्षित कार्यक्रमों को जारी रखने की आवश्यकता है।”