अनिलसिंह (भोपाल)– मध्यप्रदेश मे पत्रकारिता के अहम संस्थान माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को मध्यप्रदेश मे कोई पत्रकार नहीं मिल रहा जो इस विश्वविद्यालय के गरिमामय पद को सुशोभित कर सके.
कुलपति का पद अहम पद है,कुलपति की सोच,व्यवहार का असर विद्यार्थियों के व्यवसायिक भविष्य पर पड़ता है,देश और समाज के लिये ये विद्यार्थी अहम भूमिका निभाते हैं,लेकिन इस पद पर नियुक्ति करने वालों को मध्यप्रदेश मे ऐसी कोई प्रतिभा नजर नहीं आती जो इस पद को सुशोभित कर सके ,मध्यप्रदेश के नेता आयातित विचारों और प्रतिभाओं को इस पद पर बैठा देते हैं जो अंग्रेज़ों की नीति पर कार्य करते हैं और पत्रकारिता के इस मंदिर तथा विद्यार्थियों के जीवन को अंधकारमय बनाये दे रहे हैं.
ब्रिजकिशोर कुठियाला सर्वाधिक विवादित रहे
वर्तमान कुलपति का कार्यकाल विवादित रहा है,भेदभाव और चाटुकारिता की नीति के समर्थक इस कुलपति के द्वारा इस गरिमामय पद की गरिमा तार-तार की गयी है,आलीशान जीवन शैली,तरण-ताल युक्त निवास मे निवास जिसका किराया विश्वविद्यालय भुगतान करता है,आरामदायक कीमती मोटर-कार की सवारी और चाटुकारिता से लबरेज यह कुलपति आज पुनः पद पर कब्जा जमाने की फिराक़ मे है,आखिर क्यों ना हो इतनी अय्याशी देश के रुपयों पर और कहाँ नसीब होगी.खबरें तो इसकी और भी हैं लेकिन वे यदि सामने आयेंगी तो जिस तरह फर्जी धर्म-गुरुओं ने भारत की अस्मिता तार- तार की है ,इस पुनीत विश्वविद्यालय के साथ भी यही कलंक लगेगा.
कई सामाजिक व्यक्ति समर्थक हैं की इसे यहीं रहने दिया जाय
मध्यप्रदेश के कई बुद्धिजीवियों से बात के उपरांत सामने यह आया कि इस विवादित कुलपति को जो अंग्रेजी विचारों का पोषक है ,इस परजीवी को यहीं रहने देना चाहिये ताकि इसकी पोल इसके रहते ही खोली जाय ,यदि यह भाग गया तब इसे पकड़ना मुश्किल होगा.
नियुक्तिओं मे भीषण अनियमितता
नियुक्तियों मे इन्होने योग्य उम्मीदवारों कि योग्यता दरकिनार करते हुए व्यापम के नक्शे कदम को अपनाया,व्यापम के सूत्रधार से इस व्यक्ति के घनिष्ठ सम्बंध चर्चा मे रहे हैं ,यह जांच का विषय है.
कैसे-कैसों को दिया इन्होने पद
ब्यूटीशियन के अनुभव प्रमाण- पत्र को इन्होने योग्य माना और नियुक्ति प्रदान कि,एक मंत्री के भतीजे के अनुभव प्रमाण-पत्र कि जांच कराये बगैर इस अंग्रेजी विचारों के अंग्रेजी चुटिया वाले कुलपति नहीं वाइस-चांसलर ने नियुक्ति से नवाजा,जब हमने जांच की तब भैया के प्रमाण -पत्र फर्जी पाये गये जिसकी पुलिस मे FIR की तैयारी चल रही है,मध्यप्रदेश के बुद्धिजीवियों का मानना है कि इसे पुनः नियुक्त किया जाय ताकि इसके रहते ही इसका भंडा -फोड़ हो सके.