होशंगाबाद-21 सितम्बर को कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिये गिनीज व लिमका बुक में नाम दर्ज कराने वाली आध्यात्मिक व सामाजिक संस्था श्री सर्वेश्वरी समूह का 56 वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा.
वाराणसी शहर मे ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तदनुसार जून १९६१ ई० को सरकार के आदेश से मड़ुवाडीह स्थित हाजी सुलेमान के बगीचे में ही , जहाँ अघोरेश्वर निवास करते थे, सभी शाखाओं के लगभग तीस वैदिकों ने एकत्र होकर बसन्त पूजा की थी । बाद में निर्णय हुआ कि २१ सितम्बर सन् १९६१ ई० को सँस्था की स्थापना की जायेगी । सँस्था का नाम रखा गया “श्री सर्वेश्वरी समूह” ।
२१ सितम्बर सन् १९६१ ई० को श्री सर्वेश्वरी समूह की स्थापना बड़े ही धूमधाम से की गई ।
सँस्था रजिस्टर हो जाने के बाद बाबा ने समूह के पदाधिकारियों से बोले कि संस्था बन गई है तो उसका कार्यक्रम भी होना चाहिये । उन्होंने आगे कहा कि देखो, परिवार के लोग भी कुष्टी बन्धु को घृणा की दृष्टि से देखते हैं , समाज के हर वर्ग के लोग तो उनसे घृणा करते ही हैं । तुम लोग कुष्टी बन्धुओं की सेवा करो । उनका उपचार करो । उन्हें आरोग्य करो ।
इसी तारतम्य में कुष्ठ रोगियों की सेवा एवं उपचार हेतु चिकित्सालय की स्थापना की गयी .आज भी यह चिकित्सालय अपने लक्ष्य की और सतत अग्रसर है.
वर्तमान अध्यक्ष एवं पीठाधीश्वर औघड़ गुरुपद संभव राम जी के निर्देश पर मप्र के होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी किनारे खर्रा घाट पर स्थित आश्रम निर्माण स्थल पर यह समारोह मनाया जाएगा जो 21 सितम्बर को सुबह 10 बजे संपन्न होगा .
इस स्थान पर संस्था की स्थापना का उद्देश्य अघोर सिद्धांतों को जन-मानस तक पहुंचाना एवं जन-कल्याणकार्यों के आयामों को बढाना है.