भोपाल– शिवराज सिंह के क्षेत्र होशंगाबाद में बच्चे का इलाज कराने आई महिला से वहां के दो कर्मचारियों ने गैंगरेप किया। अंदाजे बयां यह की दो दिन पहले ही कलेक्टर ने मुआयना कर अस्पताल की सुरक्षा को चाकोचोबंद करने के निर्देश किये थे। यह घटना पिछले वर्षों में कानून व्यवस्था की बदहाली बयान करती है।
मुख्यमंत्री निवास के समक्ष धरना प्रदर्शन कर ब्लेकमेलिंग के एवज में गृह मंत्री का पद प्राप्त करने वाले गृह -मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इस महत्वपूर्ण पद की महत्ता को तार-तार कर दिया। आज मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल अवस्था में है,रक्षक ही भक्षक बने हुए है,पुलिस से अपराधी नहीं शरीफ नागरिक भयग्रस्त हैं,अपराधी यह सोचते हैं की पुलिस को सेट कर लिया जाएगा और बेख़ौफ़ हो वे अपराध करते हैं। आज पुलिस महकमे की हालत यह है की प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं,विवेचना की ही नहीं जाती यदि अधिकारी विवेचना करते भी हैं तो उसमे जानबूझकर देरी की जाती है इसका लाभ पीड़ितों को नहीं गुनाहगारों को मिलता है। यह लब्बोलुआब है मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था का,जवाब दें गृह मंत्री क्या अब वे सामजिक पद के योग्य हैं?या गलती जनता की है की उन्हें पुनः चुने?या संगठन की जो उन्हें योग्य मान कर पुन चुनाव में उतारे।