धर्मशाला, 1 दिसम्बर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बना गतिरोध खत्म हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सदन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग मान ली।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रविंद्र रवि ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने पर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की थी। विधानसभा अध्यक्ष बी.बी.एल. बुटैल ने सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन इस मांग को ठुकरा दिया था।
बुटैल ने कहा, “मैंने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और जवाब मिलने के बाद ही निर्णय बताऊंगा।”
भाजपा के एक अन्य विधायक सुरेश भारद्वाज ने पूछा, “सरकार चर्चा से भाग क्यों रही है?”
संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि नियम 67 के तहत चर्चा संभव नहीं है। सरकार किसी अन्य नियम के तहत चर्चा के लिए तैयार है।
इसके खिलाफ भाजपा विधायकों ने सदन में नारेबाजी की। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
सदन के दोबारा बैठने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले पर सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को चर्चा कराई जाएगी।
बाद में विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने संवाददाताओं से कहा कि शुक्रवार को चर्चा रवींद्र राय द्वारा दिए गए नोटिस के मुद्दे पर होगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच इस मुद्दे पर हो रही है कि 2009 से 2011 के बीच वीरभद्र और उनके परिजन ने 6.1 करोड़ की संपत्ति किस स्रोत से हासिल की। यह आय उनकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक है। उस वक्त वीरभद्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री थे।
ईडी ने 15 नवंबर को सिंह के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था। ईडी ने यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के बाद दर्ज किया।