शिमला, 24 सितम्बर –हिमाचल प्रदेश का पर्यटन विभाग पर्यटकों को शहरों के कोलाहल से दूर सेब के बागानों में ले जाने की तैयारी कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष विजय सिंह मनकोटिया ने आईएएनएस से कहा, “हम पर्यटन को सेब उद्योग से जोड़ना चाहते हैं। दोनों, राज्य की अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार हैं। हम अतिथियों को राज्य भर में फैले सेब के बागानों की यात्रा का अवसर देना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि बोर्ड राज्य के बागवानी विभाग के साथ मिलकर राजधानी में 25 और 26 सितंबर को दो दिवसीय सेब उत्सव आयोजित करेगा।
उन्होंने कहा, “हम सेब उत्पादकों को उत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, जहां वे पर्यटकों को अपने बागानों तक आने के लिए आकर्षित कर सकते हैं।”
राज्य के पूर्व पर्यटन मंत्री ने कहा कि अधिकतर होमस्टे इकाई सेब बागानों के बीच स्थित हैं इसलिए पर्यटकों को इन नए गंतव्यों तक खींचने के लिए यह उत्सव एक अच्छा अवसर होगा।
मनकोटिया ने कहा, “ग्राम्य परिवेश में खुद सेब तोड़ना और गाय दूहना पर्यटकों के लिए एक मजेदार अवसर हो सकता है।”
होमस्टे योजना 2008 में शुरू हुई थी और यह पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रही है।
राज्य के खाते में अभी 550 से अधिक होमस्टे इकाइयां पंजीकृत हैं। इनमें कुल करीब 1,500 कमरे हैं। इनमें से 187 कुल्लू-मनाली क्षेत्र में हैं। शिमला और धर्मशाला में क्रमश: 77 और 69 इकाइयां हैं।
ओबेराय ग्रुप के क्लार्क होटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मीत सिंह मल्होत्रा ने कहा कि उत्सव के दौरान होटल में सेब के 15 व्यंजनों की व्यवस्था की जाएगी, जिनके बनाने की विधि लोग भूल चुके हैं।
बागवानी से राज्य को हर साल 3,200 करोड़ रुपये (52.5 करोड़ डॉलर) की आय होती है।
सेब के बागान मुख्यत: शिमला, कुल्लू, मंडी, किन्नौर और सोलन जिलों में हैं। सेब तोड़ने का मौसम जुलाई में शुरू होता है और नवंबर तक चलता है।