शिमला, 28 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने शुक्रवार को चौथे दिन अपना बचाव अभियान फिर से शुरू करते हुए हिमाचल प्रदेश में बर्फ से ढके लाहौल घाटी में फंसे 26 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया।
ये लोग कुंजम दर्रा के पास छोटा दर्रा में करीब एक सप्ताह से फंसे हुए थे।
24 सितंबर से शुरू हुए बचाव अभियान में सुरक्षित निकाले गए लोगों की कुल संख्या 1,350 हो गई है, जिसमें 30 से ज्यादा विदेशी भी शामिल हैं।
उनमें से अधिकांश हिमालय के विभिन्न जगहों पर पिछले छह दिनों से फंसे हुए थे। क्षेत्र में भारी बर्फबारी के चलते आए भूस्खलन से 22 सितंबर लाहौल-स्पीति जिले में सड़क संपर्क मार्ग और क्षेत्रों से कटा हुआ है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बड़ालाचा दर्रा और केलांग जिला मुख्यालय के बीच परिवहन बहाल करने के लिए तत्परता से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि बड़ालाचा दर्रा के पास बड़ी मात्रा में पर्यटक और ट्रक चालक फंसे हुए हैं।
पर्यटकों के एक और बड़े समूह को सूरज तल झील के पास के इलाके से केलांग-लेह रोड से लगे जिंगजिंग बार इलाके से सुरक्षित निकाला गया।
राज्य के जनजातीय विकास मंत्री राम लाल र्मक डा ने कहा कि सरचु और दारचा में फंसे 200-300 लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव कार्य को अंजाम दिया गाय।
र्मक डा ने कहा कि चंद्रताल झील के पास फंसे लोगों का पता लगाने के लिए बचाव दल की एक टीम अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विक्रम सिंह नेगी की अगुवाई में 16 घंटे की कठिन यात्रा के बाद गुरुवार को झील के इलाके में पहुंची।
चंद्रताल इलाके में फंसे कम से कम 45 पर्यटकों और अन्य को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया, जबकि 13 को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
रोहतांग दर्रा (13,050 फीट) पर हुई भारी बर्फबारी की वजह से लाहौल और स्पीति घाटी से एक तरह से सपर्क टूट सा गया और पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। बिजली और जल आपूर्ति पर भी इसका असर पड़ा है। गुरुवार को मौसम में कुछ सुधार देखने को मिला।