शिमला, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राज्य ने तीन वर्षो के दौरान 11,044.44 करोड़ रुपये जुटाए हैं और इस दौरान ऋण पर 4,454.83 करोड़ रुपये का ब्याज अदा किया है।
मुख्यमंत्री ने सदन में एक लिखित जवाब में कहा कि इस साल 29 फरवरी तक राज्य का ऋण दायित्व खुले बाजार से 7,162 करोड़ रुपये व केंद्र से 242.82 करोड़ रुपये रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य का वित्त मंत्रालय भी मुख्यमंत्री के पास ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण राशि पर ब्याज दर शून्य से 13 फीसदी तक है।
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद, हिमाचल प्रदेश ने कर्ज-राज्य सकल घरेलू उत्पाद अनुपात को साल 2014-15 के दौरान 34.8 फीसदी तक ला दिया, जो 13वें वित्त आयोग द्वारा तय 40.1 फीसदी के लक्ष्य से काफी कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत केंद्र द्वारा मंजूरी मिलने के बाद ही सरकार ने सभी ऋण बाजार से जुटाए।
बीते आठ मार्च को अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति 100 रुपये के खर्च में 28.98 रुपये सरकारी कर्मचारियों के वेतन के मद में, 12.89 रुपये पेंशन के मद में, 10.43 रुपये ऋण के ब्याज भुगतान में, 6.84 रुपये ऋण के भुगतान में और बाकी 40.86 रुपये राज्य के विकास पर खर्च हुए।