वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर में विवादित स्थल पर मिले ‘शिवलिंग’ की पूजा के लिए हिंदुओं ने अब सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. हिंदुओं ने यहां पर ‘शिवलिंग’ की पूजा की अनुमति मांगी है. मालूम हो कि ज्ञानवापी परिसर वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि चूंकि श्रावण का महीना शुरू हो रहा है, ऐसे में हिंदुओं को पूजा करने के लिए अनुमति दी जा सकती है. बता दें कि त्रिपाठी भी एक याचिकाकर्ता हैं.याचिका में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता को भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत प्रदान किए गए हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपने स्वयं की धार्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों का प्रचार करने का अधिकार है और यह एक तथ्य है कि भगवान शिव की पूजा करने के लिए श्रावण का महीना मनाया जा रहा है. याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत दिए गारंटीकृत “विवेक की स्वतंत्रता और स्वतंत्र पेशे, अभ्यास और धर्म के प्रचार” के अधिकारों के तहत श्रावण के महीने में पूजा करने के लिए अपनी प्रार्थना का अभ्यास करने की अनुमति मांगने आया है’
20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले को वाराणसी की जिला अदालत को सौंप दिया था. बताते चलें कि इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान वजू के स्थान पर एक ढांचा मिला था. जिसे हिंदुओं ने शिवलिंग होने का दावा किया था. अब इसी शिवलिंग की पूजा के लिए हिंदुओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके पूजा करने की अनुमति मांगी है. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा था कि जहां ‘शिवलिंग’ मिला है उस स्थान को महफूज रखते हुए मुस्लिमों को नमाज अदा करने दी जाए.