मुंबई : युरोप संघ द्वारा हापुस आम के निर्यात पर पाबंदी लगाने से महाराष्ट्र को ३०० करोड का नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि हापुस आम की बागवानी से यहां का किसान जहां समृदध होता था, वहीं सरकार की तिजोरी भी हापुस आम के निर्यात से भरती थी। अब युरोप संघ द्वारा पाबंदी लगा देने से महाराष्ट्र को ३०० करोड का नुकसान होगा।
बताया जाता है कि २८ देशों वाले युरोपीय संघ ने महाराष्ट्र के हापुस आम के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। युरोपीय संघ के इस फै सले से व्यापारियों में जहां खासी नाराजगी का होना बताया जा रहा है, वहीं महाराष्ट्र सरकार भी चिंतित हो गई है। युरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर अब आगामी ३१ दिसंबर २०१५ तक पुनर्विचार किया जा सकता है। इसलिए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि २०१४ और २०१५ दोनों ही वर्षों में हापुस आम का निर्यात युरोपीय संघ के २८ देशों में नहीं किया जा सकता है। केवल ब्रिटेन ही प्रतिवर्ष १ करोड ६० लाख का हापुस आयात करता था। युरोपीय संघ के २८ देशों में हापुस के निर्यात से महाराष्ट्र सरकार और यहां के किसानों को
फ ायदा ही होता था। अब इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार जहां चिंतित है, वहीं व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री चव्हाण ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि वे केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि महाराष्ट्र को भी केंद्रीय बागवान समिति में अपना पक्ष रखने के लिए शामिल किया जाए।