मुंबई, 3 मार्च (आईएएनएस)। बीते हफ्ते शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा और हल्की गिरावट के साथ बाजार बंद हुए। घरेलू अर्थव्यवस्था के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन के कारण बाजार में आई तेजी नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण थम गई और पिछले सप्ताह के चार कारोबारी सत्रों में तीन में गिरावट दर्ज की गई।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 95.21 अंकों या 0.28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 34,046.94 पर बंद हुआ और निफ्टी 32.70 अंकों या 0.31 फीसदी की गिरावट के साथ 10,458.35 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.56 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 16,562.59 पर बंद हुआ तथा स्मॉलकैप सूचकांक में 131.71 अंकों या 0.73 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 18,127.93 पर बंद हुआ।
सोमवार को सकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स 303.60 अंकों या 0.89 फीसदी की तेजी के साथ 34,445.75 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 91.55 अंकों या 0.87 फीसदी की तेजी के साथ 10,582.60 पर बंद हुआ। मंगलवार को शेयर बाजार में कारोबार में काफी उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया और सेंसेक्स 99.36 अंकों या 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 34,346.39 पर बंद हुआ व निफ्टी 28.30 अंकों या 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 10,554.30 पर बंद हुआ।
बुधवार को शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 162.35 अंकों या 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 34,184.04 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 61.45 अंकों या 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 10,492.85 पर बंद हुआ। गुरुवार को भी नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा और सेंसेक्स 137.10 अंकों या 0.40 फीसदी की गिरावट के साथ 34,046.94 पर बंद हुआ। निफ्टी 34.50 अंकों या 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 10,458.35 पर बंद हुआ। शुक्रवार को होली के कारण बाजार बंद रहे।
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – डॉ. रेड्डी (2.71 फीसदी), पॉवरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (2.15 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (1.47 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.89 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (1.9 फीसदी), मारुति सुजुकी इंडिया (1.96 फीसदी), बजाज ऑटो (1.04 फीसदी) और इंडसइंड बैंक (3.31 फीसदी)।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – सन फार्मा (6.26 फीसदी), आईटीसी (2.03 फीसदी), विप्रो (0.73 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (5.00 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.95 फीसदी), यस बैंक (0.88 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.41 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (4.91 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (1.4 फीसदी) और टीसीएस (1.29 फीसदी)।
व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान 7.2 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 6.5 फीसदी थी और पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से दिसंबर की अवधि में जीडीपी की विकास दर 6.4 फीसदी रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7.5 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2017-18 के अग्रिम अनुमान में जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जबकि जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में इसकी दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
वैश्विक मोर्चे पर, चीन के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर फरवरी में अप्रत्याशित रूप से पिछले छह माह के उच्च स्तर पर रही । चीन की काइशिन/मार्किट मैनुफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स (पीएमआई) सूचकांक पिछले महीने 51.6 पर थी, जबकि जनवरी में यह 51.5 पर थी। इस सूचकांक में 50 अंक से कम मंदी का और 50 से ऊपर तेजी का प्रतीक है।
जापान के आर्थिक, व्यापारिक और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि जापान का औद्योगिक उत्पादन में जनवरी में 6.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि दिसंबर में इसमें 2.9 फीसदी की तेजी आई थी।