नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने राज्य विधानसभा में पूछे गए सवालों पर अपने मंत्रियों के लिखित जवाब को 50 शब्दों तक सीमित करने का फैसला किया है. विपक्ष ने इसे जवाबदेही से बचने का प्रयास बताते हुए निंदा की है.
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विधानसभा में अपने-अपने मंत्रियों द्वारा दिए जाने वाले उत्तर तैयार करने के लिए राज्य सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, जिसमें अन्य बातों के अलावा इन लिखित जवाबों को 50 शब्दों तक सीमित रखने के निर्देश शामिल हैं.
कौशल के आदेश में आगे कहा गया है कि यदि उत्तर 50 शब्दों से अधिक होना है, तो इसे ‘सदन के पटल पर रखे जाने वाले एक बयान के रूप में’ दिया जाए.
विपक्षी विधायकों ने इस कदम को अनुचित और सरकार द्वारा लोगों के प्रति जवाबदेही से भागने का प्रयास करार दिया है.रोहतक से कांग्रेस विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक भारत भूषण बत्रा ने कहा कि यह अनुचित होने के साथ-साथ अव्यवहारिक भी है.