नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि हमारा ध्यान अब शिक्षा के प्रसार के बजाए इसकी गुणवत्ता पर होना चाहिए। इसी तरह अब स्कूल जाने पर जोर देने के बजाए इस पर ध्यान देना चाहिए कि स्कूल में क्या सीखा।
प्रधानमंत्री ने रेडियो पर प्रसारित अपनी 19वीं ‘मन की बात’ में कहा, “अभी तक सरकार का ध्यान देश में शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर रहा है। लेकिन, अब समय आ गया है कि ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता पर केंद्रित किया जाए। अब सरकार को स्कूल जाने पर जोर देने के बजाए स्कूल में सीखने पर जोर देना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें स्कूलों में दाखिले पर जोर देने की बात से आगे बढ़ना चाहिए। हम शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हम नए स्कूल-कॉलेज बनाकर, नए शिक्षकों की भर्ती कर शिक्षा व्यवस्था का विस्तार करने में सफल रहे हैं। अब हमें शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अभिभावकों से आग्रह करूंगा कि वे अपने बच्चे से स्कूल की गतिविधियों के बारे में विस्तार से पूछें। उनके चौकन्ना रहने से हमारी शिक्षा व्यवस्था की खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी। “
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी सरकारों ने शिक्षा को बेहतर बनाने के प्रयास किए हैं। उनकी सरकार ने भी कई ऐसे प्रयोग किए हैं जो बंधी-बंधाई लीक से हटकर हैं। हमने विश्वविद्यालयों से पूछा है कि वे खुद बताएं कि उन्हें विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए किस संसाधन की जरूरत है। हमने कौशलयुक्त और दूरस्थ शिक्षा पर जोर दिया है। लोग हमारे कामों का नतीजा जल्द देखेंगे।