अगरतला, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के मामले में रविवार को एक नई जांच की मांग की। स्वामी ने दावा किया कि बोस की मौत विमान दुर्घटना में नहीं, बल्कि सोवियत हिरासत में हुई थी।
स्वामी ने यहां मीडिया को बताया, “मैं मोदी सरकार से सुभाष चंद्र बोस की रहस्मय मौत की जांच के लिए एक नए आयोग के गठन का अनुरोध करता हूं।”
उन्होंने कहा, “नेताजी की हत्या में जोसेफ स्टालिन मददगार था और उनकी मौत 18 अगस्त, 1945 को विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी, जैसा कि व्यापक रूप से माना जाता है। किसी भी अस्पताल में शव या नेताजी को नहीं पाया गया था।”
स्वामी ने कहा, “विमान दुर्घटना की कहानी जापानियों द्वारा झांसा देने के लिए रची गई थी, ताकि वह भागकर सोवियत रूस जा सकें, जहां उनके संपर्क थे। जापानियों को ऐसा इसलिए करना पड़ा था, क्योंकि वे उन्हें युद्ध अपराधी के रूप में मुकदमे का सामना करने से बचाना चाहते थे।”
स्वामी ने दावा किया, “नेताजी तथाकथित विमान दुर्घटना वाले दिन में मंचूरियन सीमा के जरिए सोवियत रूस में चोरी-छिपे घुसे थे।”
लेकिन स्वामी ने कहा कि स्टालिन ने बोस को धोखा दिया और उन्हें एक साइबेरियाई जेल भेज दिया, जहां उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “स्टालिन ने तत्कालिन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को इसके बारे में सूचित किया था। इस बारे में जानकारी अब धीरे-धीरे बाहर आने लगी है और बहुत जल्द सब कुछ सामने होगा।”
उन्होंने कहा, “जब मैं चंद्रशेखर सरकार में कानून मंत्री था, मैंने टोक्यो से नेताजी की तथाकथित अस्थियां नहीं लाने की सिफारिश की थी, क्योंकि यह नेताजी की अस्थियां नहीं हो सकतीं।” नेताजी की अस्थियां सितंबर 1945 से टोक्यो में रखी हुई हैं।
स्वामी ने कहा कि नेताजी की मौत की जांच करने वाले पिछले किसी भी आयोग ने इस महत्वपूर्ण सबूत पर विचार नहीं किया।