अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिखों के दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में कम से कम छह लोग घायल हो गए. यह झगड़ा ऑपरेशन ब्लू स्टार के 30 साल पूरा होने के बाद वहां चल रहे कार्यक्रम के दौरान हुआ. कुछ लोगों ने तलवारें निकाल लीं.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के एक प्रवक्ता ने बताया कि माइक्रोफोन के इस्तेमाल को लेकर झगड़ा शुरू हुआ, जो बाद में बढ़ता चला गया. टेलीविजन पर तलवार लिए कुछ लोग एक दूसरे पर हमला करते दिखाई दिए.
स्वर्ण मंदिर में झड़प में कई घायल
एसजीपीसी के अधिकारी दलमेघ सिंह ने बताया कि इसके बाद उनके टास्क फोर्स ने मामले को संभाला. टास्क फोर्स स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा का इंतजाम करता है. उन्होंने कहा, “झगड़े में छह लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है.”
पंजाब में सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा, “हमें बहुत दुख है कि यह झगड़ा इतने दुख वाले दिन हुआ, जब हम उन मारे गए निर्दोष लोगों को याद कर रहे हैं.” चंदूमाजरा घटना के वक्त स्वर्ण मंदिर में मौजूद थे. उनका कहना है, “यह अफसोस की बात है कि स्वर्ण मंदिर की पवित्रता पर असर पड़ा है.”
तीस साल पहले भारतीय सेना ने 3 से 6 जून 1984 को स्वर्ण मंदिर पर सैनिक कार्रवाई की थी, जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार के नाम से जाना जाता है. अलग खालिस्तान राष्ट्र की मांग करने वाले आतंकवादी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे थे, जिन्हें निकालने के लिए सैनिक कार्रवाई की गई थी. इस कार्रवाई में सैकड़ों लोगों की जान गई. हालांकि सिख समुदायों का कहना है कि मरने वालों की संख्या “हजारों” में थी. इस घटना के कुछ महीने बाद ही उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सिख सुरक्षाकर्मियों ने मार डाला था.