नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। दूरसंचार स्पेक्ट्रम की कुल अधिकतम बोली बुधवार को 19वें दिन 115 चरण की समाप्ति पर 1,09,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाने का अनुमान है।
संचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुरुआती अनुमान देते हुए आईएएनएस से कहा, “हम आंकड़ों को अब भी जोड़ रहे हैं। प्रारंभिक गणना से लगता है कि यह 1,09,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए।”
यदि यह गणना सही निकलती है, तो यह 2010 की नीलामी में सरकार को मिली 1,06,200 करोड़ रुपये की राशि से अधिक हो जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि सर्वाधिक बोली लगाने वालों के नामों का खुलासा नहीं किया जाएगा, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने संबद्ध पक्षों की याचिका पर नीलामी प्रक्रिया की तो मंजूरी दे दी थी, लेकिन स्पेक्ट्रम आवंटन करने से पहले अदालत की मंजूरी लेने का आदेश दिया था। अदालत इस विषय पर गुरुवार को फैसला देगी।
नीालामी के ताजा दौर में 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज और 2100 मेगाहट्र्ज में बोली लगाई गई है, जिसमें मोबाइल और ब्रॉडबैंड दोनों तरह की दूरसंचार प्रौद्योगिकी शामिल है।
स्पेक्ट्रम के लिए आठ कंपनियों ने बोली लगाई, जिनमें शामिल हैं : रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, टाटा टेलीसर्विसिस, यूनीनॉर, आईडिया सेल्युलर और एयरसेल।
सरकार ने 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम बैंड के लिए आधार मूल्य 3,423 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज तय किए थे। इसी तरह 900 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए 3,399 करोड़ रुपये, 1800 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए 1,425 करोड़ रुपये तय किए गए थे। 3जी स्पेक्ट्रम के लिए भी सरकार ने 3,511 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया था।