नई दिल्ली, 15 दिसंबर नरेंद्र मोदी सरकार ने नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में जनता तक जानकारी पहुंचाने के लिए भले ही अपने अधिकारियों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित किया हो, लेकिन अब सरकार ने उन्हें यह भी कहा है कि साइबर ताक-झांक के खतरे से बचने के लिए वे सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सावधानी बरतें।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच दिसंबर को जारी अपने आदेश में अधिकारियों को सोशल मीडिया का संयमपूर्वक इस्तेमाल करने का आदेश दिया। अधिकारियों को दफ्तर के कामकाज के लिए ऐसे ईमेल सेवा प्रदाता से मेल न करने के लिए कहा गया है जिनके सर्वर भारत के बाहर हैं।
इस परिपत्र की एक प्रतिलिपि आईएएनएस के पास है। इस परिपत्र में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते वक्त वे यह सुनिश्चित करें कि किसी गोपनीय सूचना का खुलासा नहीं किया जाए।
मंत्रालय ने अधिकारियों से कहा है कि किसी भी जानकारी को सोशल मीडिया पर डालने से पहले वे उसकी पुष्टि कर लें।
परिपत्र में कहा गया है, “लोगों तक सूचनाएं पहुंचाने के लिए सरकार में सोशल मीडिया का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल किया जा रहा है। सूचना के प्रसार, नीति निर्धारण, भर्ती, जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा बगैरह के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है। ज्यादातर सोशल मीडिया वेबसाइट भारत के बाहर के हैं और इन पर भारतीय कानून लागू नहीं होते।”
इसमें कहा गया है, “साइबर स्पेस में मौजूदा खतरे के परिदृश्य को देखते हुए यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है जिस कानून का हम पालन कर रहे हैं, उसमें सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त प्रावधान हों।”
परिपत्र के मुताबिक, “अधिकारी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन ऐसा करते वक्त वे यह सुनिश्चित करें कि किसी गोपनीय सूचना का खुलासा न किया जाए। उनके विचारों को तब तक आधिकारिक न माना जाए जब तक कि उनकी पुष्टि न हो।”
इसमें यह भी कहा गया है कि दस्तावेज से संबंधित दफ्तर के कार्यो को वे किसी ऐसे सेवा प्रदाता से ईमेल का उपयोग करें जिसका सर्वर भारत में हो, और इसके लिए वे नेशनल इंफोर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) की सेवा का प्रयोग कर सकते हैं।
इस परिपत्र में कहा गया है कि यह निर्देश मंत्रालय के सभी अधिकारियों के लिए हैं और इनका पालन आवश्यक रूप से होना चाहिए।
एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि यह साफ है कि एक बार कोई जानकारी सोशल मीडिया पर साझा कर दी गई, तो फिर वह गुप्त नहीं रहती। यहां तक कि उच्च सुरक्षा सेटिंग्स के बाद भी दोस्त अथवा वेबसाइट अनजाने में ही नापाक इरादों के लिए सूचना लीक कर सकते हैं।