सोमनाथ-भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर के जिस विशाल शिवलिंग को 1000 साल पहले महमूद गजनवी ने नष्ट कर दिया था, उसे उसे पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया चल रही है. 1000 हजार साल पहले जब महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया था तब इस दिव्य शिवलिंग को खंडित कर दिया था. अग्निहोत्री ब्राह्मणों के एक परिवार ने तब इस शिवलिंग के टूटे हुए टुकड़े ले लिए थे. पिछले एक हजार साल से यह पुजारी परिवार इन टुकड़ों को संभाल कर रखता आया है.
हाल ही में अग्निहोत्री पुजारियों के परिवार के सदस्य सीताराम शास्त्री ने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की ताकि सोमनाथ मंदिर में लिंगम की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके. सीताराम शास्त्री विरासत के रूप में मिले पवित्र शिवलिंग के टुकड़ों को संरक्षित कर रहे हैं.
अग्निहोत्री पुजारी परिवार के सदस्य सीताराम शास्त्री के अनुसार 1924 में, तत्कालीन शंकराचार्य ने शिवलिंग के टूटे हुए टुकड़ों को सुरक्षित रखने वाले परिवार को इसे 100 साल तक छिपाकर रखने और इसकी पूजा जारी रखने का निर्देश दिया था. अब, वर्तमान शंकराचार्य ने परिवार को लिंगम को गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के पास लाने का निर्देश दिया है.