जोहांसबर्ग, 14 जून (आईएएनएस)। सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर कूटनीतिक यात्रा पर दक्षिण अफ्रीका आए थे। अप्रात्याशित कदम उठाते हुए उमर को अदालत के आदेश पर दक्षिण अफ्रीका छोड़ने से रोक लिया गया है। उमर के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध जैसे युद्ध अपराध के आरोप हैं।
इंडिपेंडेंट ऑनलाइन के मुताबिक, प्रिटोरिया उच्च न्यायालय ने रविवार को अल बसीर को दक्षिण अफ्रीका छोड़कर जाने पर रोक लगाते हुए एक आदेश जारी किया।
प्रिटोरिया उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेंस फेब्रीसियस ने सूडान के राष्ट्रपति पर दक्षिण अफ्रीका छोड़कर जाने से रोकते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया। साथ ही न्यायालय ने एक अदालत के उस आदेश को लंबित रखा जिसमें कहा गया था कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) ने 2009 में उमर के खिलाफ दरफौर, सूडान संघर्ष के दौरान मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध करने के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
इस संघर्ष में 400,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गए थे।
लिटिगेशन सेंटर ने आईसीसी के आदेश को देखते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें मांग की गई थी कि उमर जैसे ही दक्षिण अफ्रीका में उतरें उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वह अफ्रीकी संघ के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार को दक्षिण अफ्रीका पहुंचे।
रोम संधि के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में दक्षिण अफ्रीका राष्ट्रपति उमर को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य है, लेकिन अफ्रीकी संघ ने आईसीसी के फैसले को तवज्जो देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह अफ्रीका के नेताओं को निशाना बना रही है।
जज हेंस फेब्रिसियस ने कहा कि सूडान के राष्ट्रपति उमर को उस समय तक दक्षिण अफ्रीका से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा, जब तक उनके मामले की सुनवाई नहीं हो जाती।