नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस माह 22 अगस्त को म्यांमार दौरे पर जाएंगी। इसी साल आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के बाद उनकी यह यात्रा हो रही है। गुरुवार को इस दौरे की घोषणा की गई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री म्यांमार के राष्ट्रपति यू तिन क्यॉ से मिलेंगी और म्यांमार की विदेश मंत्री और सलाहकार सू की के साथ विचार-विमर्श करेंगी।
कहा गया है कि बैठक विचार-विमर्श के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ भारत में होने वाले ब्रिक्स-बिम्सटेक आउटरिच सम्मेलन पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। इसका आधार गत नौ अगस्त को नई दिल्ली में फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन में जो विस्तार से चर्चा हुई थी, वही होगा।
बयान में कहा गया है कि भारत और म्यांमार के बीच कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास, संरचनागत विकास, संस्कृति आदि क्षेत्रों में सहयोग के मजबूत विकास कार्यक्रम के साथ करीबी रिश्ते हैं।
यह यात्रा म्यांमार की नई सरकार ने जो प्राथमिकताएं तय कर रखीं हैं उसके अनुरूप साझेदारी को बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
इस यात्रा के दौरान सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी रहेंगे।
भारत और म्यांमार ने 15वें दौर के फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों के सारे पहलुओं की समीक्षा की थी। इनमें रक्षा से जुड़े मुद्दे, सीमा का मामला और सीमा प्रबंधन, व्यापार एवं वाणिज्य, विकास सहयोग, संपर्क, संस्कृति एवं दूतावास संबंधी मामले शामिल थे।
दोनों देशों ने क्षेत्रीय एवं बहुस्तरीय मंचों पर आपसी हित के मुद्दों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया था।
ये विचार-विमर्श विशेष उल्लेखनीय इस वजह से हैं कि म्यांमार में गत 30 मार्च को नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद ये पहला संस्थागत रूप से विचारों के आदान-प्रदान थे।
म्यांमार में नई सरकार के गठन के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत बनकर गत 16 जून को म्यांमार दौरे पर गए थे। उससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल 18 से 20 मई तक चलने वाले भारत-म्यांमार बिजनेस कन्क्लेव के लिए गया था।