(धर्मपथ) – चंबल की गर्मी में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज का गुस्सा सामने आ ही गया,यही असलियत है,जनता का विश्वास लिये नेताओं की जो कभी -कभी सामने आ जाती है,यह होता ही है इसी वजह से आम जन की भलाई की योजनाएं नेताओं के अहम की बलि चढ़ जाती हैं.
भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का गुस्सा मंगलवार को उस वक्त सातवें आसमान पर पहुंच गया, जब शिवपुरी की हवाई पट्टी पर उन्हें कोई रिसीव करने नहीं पहुंचा। वे यहां पार्टी प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया के लिए प्रचार करने आई थीं, लेकिन न तो यहां पवैया आए, न ही सुषमा की अगुवाई के लिए कोई वाहन।
तुम बहुत हवा में उड़ रहे हो… मैं शिवपुरी में इंतजार करती रही, दो आदमी भी मुझे लेने नहीं पहंुचे। जिस वाहन में मैं बैठ गई थी उसे भी पुलिस वालों ने रोक दिया और बताया कि यह तो सरकारी वाहन है। एक वाहन तक मुझे लेने के लिए नहीं भेजा.ये वचन थे पवैया जैसे नेता के लिये इन सुषमा-स्वराज के.
इतना घमंड की भाई की मनुहार भी नहीं सुनी
शिवपुरी में जब तमाम मान मनौव्वल के बावजूद सुषमा वापस हेलीकॉप्टर की ओर बढ़ने लगीं तो भाजपा नेता ओमी गुरू खिड़की से लटक गए और बार-बार यह कहते सुनाई दिए कि दीदी प्लीज! गलती के लिए माफी मांगता हूं। मैं आपके पैर छूता हूं। आप सभा स्थल पर चलिए, लेकिन सुषमा स्वराज “नो वे” कहते हुए हेलीकॉप्टर में सवार हो गई।
जनता जिन नेताओं को पलक पावडे बिछा कर सर -आँखों पर बैठाती है उस नेता का असली स्वरूप क्या होता है यह मीडिया द्वारा सामने आ ही जाता है.
घबडायी दीदी ने पवैया की तारीफ की अगली सभा में
जब सुषमा को यह महसूस हुआ की मीडिया में यह बात फैल गयी है और जनता में उनकी छिछालेदर मची हुई है तब वे घबरा गयीं और अगली सभा में पवैया की तारीफों के पुल बाँध दिये,दरअसल उन्हे चिंता अपने चुनाव की थी,जनता में उनके इस व्यवहार का गलत मैसेज गया है और उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं.