(भोपाल)– सुरेश सोनी हो हटाया जाना तय था लेकिन एकाएक यह निर्णय लेना राजनीतिक गलियारे में सभी को अचंभित कर गया.राजनीती में इस तरह के अचंभित कर देने वाले निर्णय आते ही रहते हैं लेकिन ताकतवर सुरेश सोनी का इस तरह संघ और भाजपा से समन्वयक पद से हटना कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है.
दरअसल राज्यों में चुनाव प्रचार ख़त्म होते ही यह निर्णय सामने आया है दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह द्वारा व्यापम घोटाले मामले में दायर याचिका का निर्णय अदालत द्वारा सुरक्षित रखना भी एक अहम् कारण माना जा रहा है.यदि अदालत सीबीआई जांच के लिए आदेश दे देती है तब मप्र में राजनैतिक भूचाल आ जाएगा राजनीतिक विश्लेषक इस घटना को आने वाले समय में संघ और भाजपा को नुक्सान कम से कम पहुंचे इस रूप में देख रहे हैं.
सूत्रों ने बताया की अदालत में वकीलों और न्यायाधीश के बीच पेश दावों और तर्कों के अनुसार सीबीआई जांच का आदेश लगभग तय है इसी शंका के चलते भाजपा और संघ के रणनीतिकार अपनी योजना को अमली जामा पहनाने में जुटे हैं.