नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को भारत की यह मांग फिर पुरजोर तरीके से उठाई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न तो दुनिया की एक बटा छह आबादी वाला भारत और न ही सर्वाधिक देशों वाले महाद्वीप अफ्रीका का इसमें समुचित स्थान है।
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को भारत की यह मांग फिर पुरजोर तरीके से उठाई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न तो दुनिया की एक बटा छह आबादी वाला भारत और न ही सर्वाधिक देशों वाले महाद्वीप अफ्रीका का इसमें समुचित स्थान है।
सुषमा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र “आज भी 1945 की विश्व व्यवस्था का प्रतिनिधि बना हुआ है।”
तीसरी भारत-अफ्रीका संपादक फोरम बैठक में सुषमा ने कहा, “इस संबंध में एक बड़ा मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार है। यह समझ से बाहर है कि सुरक्षा परिषद में दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप (देशों के संदर्भ में) अफ्रीका का कोई स्थाई प्रतिनिधि नहीं है।”
सुषमा ने कहा कि यह भी समझ से बाहर की बात है कि दुनिया की लगभग एक बटा छह आबादी और सभी योग्यताएं पूरा करने वाले देश भारत भी सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमें इस विसंगति को दूर करने के लिए मिलकर काम करना होगा और मीडिया को इसमें एक बड़ी भूमिका निभानी है।”
सुषमा ने कहा कि पेरिस में जलवायु परिवर्तन और केन्या में विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक होने वाली है।
उन्होंने कहा, “इन दोनों ही बैठकों में भारत, अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों को एक साथ मिलकर रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे विकास के एजेंडे को कोई चोट न पहुंचे।”
सुषमा ने दोनों देशों के बीच के समाचार मीडिया और सूचना, संचार और मनोरंजन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
सुषमा ने यहां भारत-अफ्रीका मित्रता उद्यान का उद्घाटन भी किया।
उल्लेखनीय है कि तीसरा भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन सोमवार से शुरू होकर 29 अक्टूबर तक चलेगा।