कोझिकोड, 12 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक जवान की मौत के संबंध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के नौ अधिकारियों के खिलाफ शुक्रवार को गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
सीआईएसएफ जवानों और एएआई अधिकारियों के बीच बुधवार रात हुई झड़प की जांच कर रही केरल पुलिस की टीम के सदस्य बी.संतोष ने आईएएनएस को बताया कि सभी नौ आरोपी दमकल और बचाव विभाग के कर्मचारी हैं और उन्हें शनिवार को दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा।
इधर, 44 वर्षीय सीआईएसएफ जवान ए.एस.यादव का शव शुक्रवार को विमान से मुंबई भेजा गया, जहां से उनके गृह शहर वाराणसी भेजा जाएगा।
मालाप्पुरम जिले के कोटोत्ती थाने के सर्किल इंस्पेक्टर संतोष ने बताया, “हवाई अड्डे के सीसीटीवी वीडियो को कई बार देखे जाने के बाद गिरफ्तारी हुई है। जांच जारी है तथा और अधिक सबूत मिलने पर आगे भी गिरफ्तारियां होंगी।”
सीआईएसएफ निरीक्षक सीताराम चौधरी के पिस्तौल की सिल्वर नाइट्रेट से जांच की गई। इसी पिस्तौल से चली गोली से यादव की मौत हुई थी। इससे पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि सीआईएसएफ और एएआई कर्मचारियों के बीच झड़प हुई थी। इससे पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला है।
इधर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन.शंकर रेड्डी ने शुक्रवार को राज्य पुलिस प्रमुख टी.पी.सेनकुमार को अपनी रपट सौंपी, जिसमें कहा गया है कि हवाईअड्डे के अंदर काम करने वाले विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी इस घटना में शामिल थे और इसमें कोई बाहरी व्यक्ति नहीं था, इसे सुरक्षा घेरा तोड़ने का मामला नहीं माना जाना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि रेड्डी की रपट सीसीटीवी से प्राप्त दृश्य (फुटेज) पर आधारित हैं और इसे केंद्र को भेजा जाएगा।
दृश्य के अनुसार, यादव की मौत की खबर सुनने के बाद सीआईएसएफ के नाराज जवान हवाईअड्डे की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। सीआईएसएफ के जवानों के खिलाफ तोड़फोड़ के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
केरल पुलिस ने दमकल तथा बचाव विभाग के 15 अधिकारियों की पहचान की और उन पर गुरुवार सुबह से नजर रखी जा रही थी।
झड़प के बाद सीआईएसएफ निरीक्षक चौधरी सहित तीन अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
केरल पुलिस के अतिरिक्त हवाईअड्डे पर काम कर रही अन्य एजेंसियां भी गोलीबारी की घटना की रपट तैयार कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए वह विभिन्न विभागों/एजेंसियों के अधिकारियों से बात करेंगे।