नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)। इस्लामिक स्टेट (आईएस) का भारतीय मॉडयूल मृत पड़े संगठन इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के तत्वों द्वारा चलाया जा रहा है। अब ये इन संगठनों के दूसरे सदस्यों को भी देश भर में आतंक फैलाने के लिए संगठित कर रहे हैं। खुफिया सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है।
नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)। इस्लामिक स्टेट (आईएस) का भारतीय मॉडयूल मृत पड़े संगठन इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के तत्वों द्वारा चलाया जा रहा है। अब ये इन संगठनों के दूसरे सदस्यों को भी देश भर में आतंक फैलाने के लिए संगठित कर रहे हैं। खुफिया सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है।
पिछले महीने देश के 6 शहरों में अलग-अलग ठिकानों से गिरफ्तार किए गए आईएस के 14 संदिग्ध समर्थकों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक के भटकल का रहने वाला शफी अरमार जो कि इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य है। उसी ने इन सबसे यूसुफ अल हिन्द नाम से संपर्क कर आईएस की विचारधारा की तरफ मोड़ने का काम किया था।
माना जा रहा है कि अरमार अब आईएस के क्षेत्र में इराक और सीरिया की सीमा के पास भाग कर चला गया है। इसी ने भारत में जुनून उल खलीफा ए हिन्द नाम का संगठन बनाकर मुंबई के 33 वर्षीय मुदाबिर मुस्ताक शेख को अमीर (चीफ) बनाकर इसमें शामिल किया था।
इस मामले की जांच से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि अरमार ने अपने भाई सुल्तान और आईएम व सिमी से जुड़े लोगों की भर्ती की थी। अरमार की कार्यप्रणाली ऐसी थी कि पहले वह अपने करीबी लोगों को आईएस से प्रभावित करता था और फिर उनसे दूसरे लोगों को प्रभावित कर साथ जोड़ने को कहता था।
इसके लिए ये लोग सोशल नेटवर्किं ग वेबसाइटों की मदद लेते थे और इंटरनेल से किए जाने वाले कॉल (वीओआईपी) की मदद से फोन करते थे। इस तरह से ये आईएम और सिमी के सदस्यों का स्लीपर सेल तैयार करते थे।
इन लोगों की योजना देश के कई शहरों में हमला करने थी जिनमें मुख्य रूप से हैदराबाद, बेंगलुरू, मंगलौर, तुमकूर (कर्नाटक), लखनऊ, औरंगाबाद और मुंबई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन्हें ट्रेनिंग कैम्प चलाने के लिए कहा गया था ताकि किस तरह से हथियारों का प्रयोग करना है यह सिखाया जा सके। साथ ही ये लोग बम बनाने का सामान जुटाने की कोशिश में थे।