मुंबई, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर सितार वादक शुजात खान ने एक भावपूर्ण गायन ‘वैष्णव जन तो..’ के साथ महात्मा को भावपूर्ण गीतांजलि अर्पित की है। उन्होंने कई दशकों से भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया है।
गांधी जी को उनके पसंदीदा ‘भजन’ की गीतांजलि देने के लिए उस्ताद ने सितार के साथ खुद यह गीत गाया।
तीन मिनट के इस गीत में महात्मा गाधी के सिद्धांतों, उनकी विचारधारा और सत्य के साथ प्रयोग को याद किया गया।
शुजात ने ‘भजन’ के बारे में आईएएनएस से कहा, “यह गीत गांधीजी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भजन था, और यह हमारे जीवन में भी महत्वपूर्ण है। अगर हम दूसरों के दर्द और दुख को समझने में सक्षम हैं तो यह सोच हमारे रास्ते में परिवर्तन ला सकती है।”
यह गीत कवि-संत नरसी मेहता ने 15वीं शताब्दी में लिखा था।
उन्होंने कहा, “यह सुंदर लय है साथ ही ‘भजन’ के शब्द अधिक खूबसूरत हैं। अगर किसी दिन अहंकार की भावना के बिना आप दूसरों के दर्द को महसूस करने में सक्षम होंगे तो विचार प्रक्रिया में बदलाव होगा। “