उज्जैन, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ कुंभ से पहले मेला परिक्षेत्र में साधु-संतों के समूहों के प्रवेश का सिलसिला जारी है। रविवार को आवाहन अखाड़ा की पेशवाई निकली। इस अखाड़े के साधुओं ने कुंभ क्षेत्र में प्रवेश किया। साधु-संत अपने रंग में दिखे।
उज्जैन, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ कुंभ से पहले मेला परिक्षेत्र में साधु-संतों के समूहों के प्रवेश का सिलसिला जारी है। रविवार को आवाहन अखाड़ा की पेशवाई निकली। इस अखाड़े के साधुओं ने कुंभ क्षेत्र में प्रवेश किया। साधु-संत अपने रंग में दिखे।
मान्यता के अनुसार, सिंहस्थ में सबसे पहले साधु-संतों के अखाड़ों का प्रवेश होता है, खास अखाड़ों के साधु-संतों के विधिवत प्रवेश को ही पेशवाई (प्रेशवाई) कहा जाता है। इसी क्रम में रविवार को श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा की पेशवाई निकली। इस अखाड़े को ‘सरकार अखाड़ा’ भी कहा जाता है।
आवाहन अखाड़ा की पेशवाई नीलगंगा से शुरू होकर तीनबत्ती, टावर चौक, देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज, कंठाल, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, ढाबारोड व दानीगेट होते हुए सदावल मार्ग के रास्ते छावनी पहुंची। इस पेशवाई में साधु-संतों का उत्साह देखते ही बनता था।
पेशवाई में अखाड़े की विशाल धर्मध्वजा लेकर साधु-संत चल रहे थे। विशाल धर्मध्वजा के साथ दो महात्मा घोड़े पर सवार थे तो एक संत नगाड़ा बजा रहे थे। वहीं दूसरे घोड़े पर सवार महात्मा डमरू की ध्वनि बिखेर रहे थे। इसके बाद मार्ग में अनेक साधु-संत तलवार, भाला व बरछी से करतब दिखाते चल रहे थे।
इस पेशवाई में नागा एवं संन्यासी तथा हजारों भक्त भक्ति के रंग में रंगे हुए थे। पेशवाई में कई रथ, दो हाथी, सात घोड़े, तीन ऊंट शामिल थे। बैंड-बाजों के साथ मनमोहक झांकियां भी निकाली गईं।
सिंहस्थ कुंभ में पहली पेशवाई जूना अखाड़े की पांच अप्रैल को निकली थी। इसी क्रम में तीसरी पेशवाई सोमवार (11 अप्रैल) को श्री पंचतपोनिधि निरंजनी अखाड़े की निकलेगी।