रियो डी जनेरियो में एक संवाददाता सम्मेलन में ओस्वाल्डो क्रूज इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा कि पेरिस के पास्चर इंस्टीट्यूट के साथ किए गए शोध से पता चला है कि जीका क्यूलेक्स मच्छर के काटने से नहीं होता।
टीमों ने ब्राजील के पांच अलग-अलग क्षेत्रों से 1,600 मच्छरों को एकत्र कर विश्लेषण किया। इनमें आधे मच्छर एडीज एजिप्टी और आधे क्यूलेक्स थे।
वैज्ञानिकों ने इन दो समूहों को एक साथ मिलाया और उन्हें संयुक्त रूप से जीका वायरस वाले रक्त का सेवन कराया।
उन्होंने पाया कि 80 और 100 प्रतिशत के बीच एडीज एजिप्टी मच्छरों की एक बड़ी मात्रा ने अपने लार में वायरस को वहन किया, लेकिन क्यूलेक्स मच्छरों में इस तरह का कोई परिणाम नहीं मिला।
यह निष्कर्ष मंगलवार को ‘पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस (पीएलओएस) नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज’ में प्रकाशित किया गया।