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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को खपत के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत पर बल दिया।
जावड़ेकर ने संसाधनों की खपत के तौर-तरीकों में अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लोगों से अपने जीवन में कम से कम एक बदलाव लाने का आग्रह किया।
विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने संदेश में जावड़ेकर ने कहा कि जैसा आमतौर पर चलता रहा है, वह अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास की दर घटाने में योगदान करना हर व्यक्ति की जिम्मदारी है।
उन्होंने कहा कि लोग अपनी व्यक्तिगत आदतों के पर्यावरणीय असर के प्रति ज्यादा जागरूक होकर बदलाव के वाहक बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2050 में कुल आबादी 9.6 अरब हो जाने की संभावना है और अनुमान है कि जीवनयापन और खपत के तौर-तरीके बनाए रखने के लिए तीन ग्रहों की आवश्यकता पड़ेगी।
इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस का थीम है ‘सात अरब सपने। एक ग्रह। बड़े ध्यान के साथ हो खपत।’
जावड़ेकर ने उद्योगों एवं सोसायटी से पर्यावरण की ²ष्टि से जवाबदेही वाले तौर-तरीके जैसे कि तीन ‘आर’ की अवधारणा अपनाने का आग्रह किया। ये तीन ‘आर’ हैं- रिड्यूस (कम करना), रियूज (फिर से इस्तेमाल करना) और रिसाइकिल (पुनरावर्तन)।
उन्होंने कहा कि लोगों के खान-पान की आदतों का पर्यावरण पर काफी असर पड़ता है।
जावड़ेकर ने कहा कि 1.3 अरब टन खाद्य पदार्थ हर साल बर्बाद हो जाते हैं। तकरीबन एक अरब लोगों को कुपोषण की समस्या से जूझना पड़ता है तथा एक अरब अन्य लोगों को भूखा ही रहना पड़ता है।
मंत्री ने बताया कि खाद्य क्षेत्र का विश्व की कुल ऊर्जा खपत में तकरीबन 30 फीसदी और ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में लगभग 22 फीसदी योगदान है।
उन्होंने कहा, “आज के दिन हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं, ताकि मानव की खुशहाली के लिए एक स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ पर्यावरण की अहमियत के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ सके।” हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
जावड़ेकर ने दोहराया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्रकृति के पांच तत्वों में संतुलन बैठाने का जिम्मा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय का मिशन स्वच्छ जल, स्वच्छ हवा, स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और अपेक्षाकृत अधिक हरित पर केंद्रित है।