लखनऊ, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज के खिलाफ 34 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह स्वयं के संत होने का दावा करते हैं। वह शाप भी देते हैं कि जो उन्हें वोट नहीं देगा, उस पर कहर टूटेगा।
चुनाव प्रचार कर रहे सांसद कहते हैं, “एक संत आपके द्वार पर आया है। जब एक संत कुछ मांगने आता है और उसे वह चीज नहीं मिलती है तो वह परिवार की सारी खुशियां ले जाता है और परिवार को शाप लगता है।”
बीते शुक्रवार को उन्नाव में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “यह मैं नहीं कह रहा हूं, बल्कि पवित्र धर्मग्रंथ से उद्धृत कर रहा हूं। मैं धन या जमीन नहीं मांग रहा हूं। जो मुझे वोट नहीं देगा, वह ईश्वरीय कोप का सामना करेगा।”
साक्षी महाराज ने नामांकन पर्चा दाखिल करने के क्रम में जो हलफनामा पेश किया है, उसमें उनमें खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों का विस्तृत ब्योरा है। मुकदमों की सूची उन्हें संत कम, अपराधी ज्यादा बता रही है।
कबूलनामे के मुताबिक, साक्षी महाराज पर चल रहे मुकदमे वैमनस्यता बढ़ाने से लेकर लूटपाट, डकैती, हत्या, फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात से संबंधित हैं।
इन मुकदमों में हालांकि वह दोषी करार नहीं दिए गए हैं। आठ मुकदमे ऐसे हैं, जिन पर संज्ञान लिया जा चुका है। ये मुकदमे फैजाबाद, एटा और दिल्ली में दर्ज हैं।
एटा निवासी स्वयंभू संत स्वामी सच्चिदानंद हरि को ही लोग साक्षी महाराज के नाम से जानते हैं। उनके अनुयायियों की बड़ी संख्या है। राज्य और राज्य के बाहर उनके बहुत से आश्रम और स्कूल चल रहे हैं।
उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1990 के दशक में भाजपा में शामिल होने के साथ की थी। वह फरु खाबाद से दो बार सांसद चुने गए। कुछ समय के लिए वह समाजवादी पार्टी से भी जुड़े, फिर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से भी जुड़े और आखिरकार भाजपा में प्रतिष्ठा पा रहे हैं।
वर्ष 2000 में एटा के एक कॉलेज की प्रिंसिपल ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने भाजपा सांसद और उनके दो भतीजों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला का कहना है कि जब वह एक पुरुष सहयोगी के साथ एटा से आगरा जा रही थी, तो रास्ते में स्वयंभू संत ने उसकी पिटाई की थी। साक्षी महाराज को दुष्कर्म के आरोप में सिर्फ एक महीना ही तिहाड़ जेल में गुजारना पड़ा था।
वर्ष 2014 में उन्नाव से सांसद चुने जाने के बाद संसद पहुंचे साक्षी महाराज ने संसद की सीढ़ी पर खड़े होकर मीडिया से कहा था, “नाथूराम गोडसे मेरे आदर्श हैं, पूजनीय हैं। उनका मंदिर तो बनना ही चाहिए।” राष्ट्रपिता के हत्यारे को अपना आदर्श बताने पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साक्षी महाराज आज अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने में जुटे हैं।
उन्नाव में चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान है।