नई दिल्ली- राष्ट्रीय संग्रहालय और ललित कला अकादमी के संचालन में विवादित बदलाव सरकार का नई प्रतिभा को आगे लाने वाला कदम है और इसके जरिए भगवाकरण की कोई कोशिश नहीं की जा रही है। यह बात केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कही।
शर्मा ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “हमने व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि संगठन के हित में संस्थाओं के प्रमुखों को बदलने का फैसला किया।”
शर्मा ने भगवाकरण के आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “तथाकथित बुद्धिजीवी, जिनका लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास नहीं, वे ऐसे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।”
मंत्री ने कहा, “जो बुद्धिजीवी सरकार के खिलाफ अदालत गए हैं, उनका लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई विश्वास नहीं है। हमने व्यक्ति नहीं, बल्कि संगठनों के हित में संस्थान के प्रमुखों को बदला है। भगवाकरण का सवाल कहां पैदा होता है? अकादमी में हमने अतिरिक्त सचिव को जिम्मेदारी सौंपी है। अगर वह भगवा हो जाएंगे, तो सरकार की पूरी नौकरशाही भगवा हो जाएगी।”
सरकार पर कुछ प्रमुख संस्थानों में हस्तक्षेप करने के लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा कि उनका मंत्रालय पिछली सरकार की तरह अंधानुकरण नहीं करता और वह सर्वाधिक संभावित प्रतिभा को शामिल करना चाहता है।
उन्होंने कहा, “हम अंधानुकरण नहीं करते हैं, जैसा पिछली सरकार ने किया था। हम यथास्थिति को समाप्त करना चाहते हैं। हम हमेशा बेहतर की तलाश में थे।”
मंत्री राष्ट्रीय संग्राहल के प्रमुख वेणु वासुदेवन और ललित कला अकादमी प्रमुख कल्याण कुमार चक्रवर्ती के स्थानांतरण से आलोचनाओं से घिर गए हैं।
स्वायत्त संस्था ललित कला अकादमी को सरकार के नियंत्रण में लिए जाने का बचाव करते हुए शर्मा ने कहा कि यह फैसला कुप्रबंधन को लेकर मिल रही शिकायतों पर लिया गया है।
कुछ कलाकारों ने सरकार पर अकादमी के स्वरूप में बदलाव करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। शर्मा ने कहा कि वह इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं अशोक वाजपेयी जैसे लोगों को महत्व नहीं दे रहा, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक रूप से गोधरा का हत्यारा करार दिया था।”
वाजपेयी एक प्रसिद्ध हिंदी कवि हैं, और वह वर्ष 2008 से 2011 तक अकादमी के अध्यक्ष थे।
वासुदेवन के रातोंरात स्थानांतरण कर देने से सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। वासुदेवन ने नए प्रयोगों और महात्वाकांक्षी योजना के जरिए राष्ट्रीय संग्रहालय का जीर्णोद्धार किया था और उन्हें अप्रैल में खेल मंत्रालय स्थांतरित कर दिया गया।
इधर, शर्मा इस स्थानांतरण को नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया बता रहे हैं। वासुदेवन का कार्यकाल दिसंबर, 2016 में समाप्त होने वाला था और उन्हें बिना वजह बताए स्थानांतरित कर दिया गया।