वाशिंगटन, 21 जनवरी (आईएएनएस)। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के लिए संकटमोचक बनकर उभरा इंग्लैंड और अमेरिका के पांच निवेशकों के एक सिंडिकेट को आशा है कि सहारा समूह के साथ 20 फरवरी तक समझौता हो जाएगा। यह समझौता दो अरब डॉलर ऋण प्रस्ताव से संबंधित है।
वाशिंगटन, 21 जनवरी (आईएएनएस)। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के लिए संकटमोचक बनकर उभरा इंग्लैंड और अमेरिका के पांच निवेशकों के एक सिंडिकेट को आशा है कि सहारा समूह के साथ 20 फरवरी तक समझौता हो जाएगा। यह समझौता दो अरब डॉलर ऋण प्रस्ताव से संबंधित है।
निवेश प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए गठित मिराक कैपिटल ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारांश शर्मा ने ईमेल के जरिए आईएएनएस को बताया कि वे सहारा समूह में निवेश नहीं करना चाहते, बल्कि कंपनी की आतिथ्य सेवा से संबंधित संपत्तियों पर कर्ज की पेशकश की गई है।
अमेरिका निवासी शर्मा निवेश समझौते के लिए इन दिनों भारत में हैं। उन्होंने बताया, “सहारा यदि कर्ज का भुगतान नहीं कर पाती है तो संपत्तियों का अधिग्रहण भी किया जा सकता है।”
शर्मा ने कहा, “सहारा समूह की विशाल आतिथ्य सेवा प्रदाता संपत्तियों की कीमत दो अरब डॉलर से कहीं अधिक है। सुब्रत रॉय के खिलाफ चल रही सुनवाई के कारण ये संपत्तियां कंपनी के प्रति नकारात्मक छवि के कारण बेकार-सी हो गई हैं और मिराक इस अवसर का लाभ उठाते हुए कम कीमत पर उन्हें हासिल करना चाहता है।”
सहारा समूह के निवेशकों को उनका रुपया लौटाए जाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन न कर पाने के कारण न्यायालय ने सुब्रत रॉय को पिछले वर्ष मार्च में जेल भेज दिया था और तब से वह तिहाड़ जेल में ही हैं। रॉय को जमानत पर रिहाई के लिए 1.6 अरब डॉलर की जरूरत है।
न्यायालय के विशेष आदेश पर रॉय निवेशकों का रुपया लौटाने के लिए जेल से ही अपनी संपत्तियों का सौदा कर धन एकत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
जिन संपत्तियों का निवेशकों से सौदा हो रहा है, उनमें न्यूयार्क स्थित प्लाजा होटल, लंदन स्थित ग्रॉसवेनॉर हाउस होटल, मुंबई स्थित सहारा स्टार और महाराष्ट्र में एम्बी वैली रेसॉर्ट्स शामिल हैं।
शर्मा ने कहा कि मिराक कैपिटल ग्रुप इंग्लैंड और अमेरिका के पांच निवेशकों द्वारा विशेष उद्देश्य से स्थापित की गई है। इसकी स्थापना विशेष तौर पर इस समझौते को अमली जामा पहनाने के लिए निवेशकों के प्रतिनिधि के रूप में की गई है।
शर्मा ने हालांकि यह भी कहा कि वह अभी निवेशकों के नाम उजागर नहीं कर सकते, क्योंकि इससे समझौते में बाधा पहुंच सकती है।
उन्होंने कहा कि मिराक अभी दस्तावेज तैयार कर रही है और जरूरी कागजात तैयार हो जाने के बाद समझौता पूरा कर लिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।