चेन्नई, 18 जुलाई (आईएएनएस)। दक्षिण भारतीय रेस्तरां सरवना भवन के संस्थापक पी. राजगोपाल का यहां एक निजी अस्पताल में गुरुवार की सुबह निधन हो गया।
ज्ञात हो कि हत्या के पुराने मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली थी, जिसके बाद बीते सप्ताह में ही राजगोपाल ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।
पुलिस ने यह जानकारी दी।
‘डोसा किंग’ के नाम से मशहूर 71 वर्षीय राजगोपाल को मंगलवार को सरकारी स्टेनली अस्पताल से मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर यहां एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था। सरकारी अस्पताल में उनका इलाज जेल वार्ड में हो रहा था।
अपने कर्मचारी प्रिंस संतकुमार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा पा चुके राजगोपाल ने 9 जुलाई को सर्वोच्च अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए और थोड़े समय की मांग की थी, जिसके खारिज होने के बाद उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
जेल भेजे जाने वाले दिन ही उन्होंने चक्कर आने की शिकायत की, जिसके बाद उनको सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
राजगोपाल के मामले ने देश-विदेश का ध्यान अपनी ओर आर्कषित किया था।
राजगोपाल कथित तौर पर एक ज्योतिषी की सलाह पर एक महिला से शादी करना चाहते थे।
उस समय, राजगोपाल की दो पत्नियां थीं और युवती ने उन्हें मना कर दिया था। युवती ने 1999 में संतकुमार से शादी की। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि राजगोपाल ने 2001 में दंपति को धमकी दी थी और उनसे शादी खत्म करने को कहा था।
दंपति ने इसकी शिकायत पुलिस में की। इसके कुछ दिन बाद ही संतकुमार का अपहरण कर लिया गया और उसे मार दिया गया। उसका शव जंगल में मिला था।
देश और विदेशों में लोकप्रिय रेस्तरां श्रृंखला के संस्थापक, राजगोपाल को एक सत्र अदालत ने संतकुमार की हत्या के आरोप में 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय में अपील की थी, लेकिन न्यायालय ने सजा को बढ़ाकर उम्रकैद कर दिया। मार्च में सर्वोच्च अदालत ने आरोप साबित होने पर सजा को बरकरार रखते हुए उसे 7 जुलाई को आत्मसमर्पण करने को कहा गया।
हालांकि राजगोपाल ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।