लखनऊ, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को कहा कि अगली बार राज्य में बसपा की सरकार बनी तो पार्कों व मूर्तियों के निर्माण की बजाय कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान दिया जाएगा।
मायावती ने अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा मंत्रिमंडल में सभी जातियों का प्रतिनिधित्व का दिखावा करने से अब भला होने वाला नहीं है।
लखनऊ में पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को दलित विरोधी बताया। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री का दलित और बौद्ध प्रेम सिर्फ दिखावा है।
मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, “जिन मंत्रियों को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त किया था उनका सूबे की कानून व्यवस्था से कोई लेना देना नही है। सूबे में बिगड़ रहे धार्मिक माहौल और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए वही जिम्मेदार हैं।”
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस मौके पर केंद्र सरकार भी एनआरएचएम मामले में फंसाने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि केंद्र की सरकार जानबूझकर एनआरएचएम मामले में फंसाना चाहती है।
उन्होंने कहा, “ऐसी संभावना है कि उप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र राष्ट्रपति शासन लगा दे। एनआरएचएम घोटाले की जांच की आड़ में मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास भी किया जा सकता है लेकिन मैं इससे डरने वाली नहीं हूं।”
मायावती ने कहा कि केंद्र चुनाव से पहले सूबे में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है ताकि चुनाव में वह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर सके।
मायावती ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि मोदी को दलितों और पिछड़ों का आरक्षण बचाने के लिए जान देने की जरूरत नहीं है। मोदी को यदि दलितों से प्रेम है तो वह सिर्फ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान का खंडन कर दें।
मायावती ने कहा, “आरक्षण बचाने के लिए प्रधानमंत्री को जान की बाजी लगाने के बजाय मौजूदा सरकार की नीतियां तय करने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का खंडन कर दें, जिसमें उन्होंने आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही थी।”
उन्होंने पिछड़े समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि यदि बिहार में भाजपा की सरकार बनी तो दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को साजिश के तहत निष्प्रभावी बना दिया जाएगा।
मायावती ने कहा कि मोदी की जाति पहले पिछड़ी जाति नहीं थी। मोदी को पिछड़ा बताना सियासी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस मौका परस्त है। उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे पिछड़ों के हितैषी हैं तो प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर शांत खामोश क्यों हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। आरक्षण के मामले में बीजेपी साजिश कर रही है। कहा कि केंद्र सरकार दलित और पिछड़ों का आरक्षण कम कर रही है। माया ने कहा कि उन्हें भाजपा की साजिश का पदार्फाश करना है।
बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस को भी नहीं बख्शा और कहा कि कांग्रेस ने भी कभी आरक्षण को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारतरत्न देने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी एक जैसे ही रहे हैं।
उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा सरकार भी दलित विरोधी है। सपा सरकार में दलितो का उत्पीड़न बढ़ा है। मायावती ने कहा कि विरोधियों की मिलीभगत से उन्हें आरक्षण के मामले में लोकसभा में सफलता नही मिल सकी। उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए बीएसपी ने कड़ा संघर्ष किया।