नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और किसानों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ये बातें संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मंगलवार को कही।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों की भलाई राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है।
मुखर्जी ने कहा, “इस बुनियादी सच्चाइयों को स्वीकार करते हुए मेरी सरकार ने हाल में किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की है। यह सरकार द्वारा फसलों के बीमा में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और किसानों के लिए प्रीमियम की दरें काफी कम है।”
“14वें वित्त आयोग ने 2015-16 से 2 लाख करोड़ रुपये विशेष रूप से ग्राम पंचायतों के लिए जारी किया है। इसे राज्यों ने बड़े उत्साह से प्राप्त किया है। इससे विकास कार्य लोगों के निकट पहुंचेगा और वे किस प्रकार से अपने गांवों-कस्बों का विकास करना चाहते हैं इसका फैसला कर सकेंगे।”
राष्ट्रपति ने कहा, “मार्च 2017 तक 14 करोड़ किसानों को मिट्टी हेल्थ कार्ड जारी कर दी जाएगी। इससे खाद के कम प्रयोग के अलावा लागत में कमी और मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारने में भी मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत अभी तक 8,000 इकाईयों को विकसित किया गया है।
मुखर्जी ने कहा, “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सिंचाई सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया है, ताकि सूखा संकट से बचाव हो और पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार हो। मेरी सरकार की सोच है हर बूंद में ज्यादा फसल और जल संचय के लिए जल सिंचन।”
किसानों के लिए बाजार मुहैया कराने के लिए सरकार ने एक सामान्य ई-बाजार प्लेटफार्म स्थापित करने का फैसला किया है, ताकि 585 थोक कृषि बाजार को विनिगमित किया जा सके। इससे किसानों को काफी फायदा होगा और उन्हें अपने फसलों का निष्पक्ष और लाभकारी मूल्य प्राप्त होगा।
मुखर्जी ने कहा, “मेरी सरकार नई यूरिया नीति लेकर आई है, ताकि 17 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन अगले तीन सालों के दौरान किया जा सके। साथ ही यूरिया में शत प्रतिशत नीम की कोटिंग की जाएगी जिससे न सिर्फ इसकी क्षमता बढ़ेगी, बल्कि सब्सिडी लीकेज रोकने में भी मदद मिलेगी, ताकि इसका गैर कृषि कार्यो में प्रयोग रोका जा सके।”
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने यूरिया खाद का 2015 में अब तक का सर्वाधिक उत्पादन किया है।
मुखर्जी ने कहा, “भारत लगातार दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना हुआ है और इसकी विकास दर 6.3 फीसदी है। पॉल्ट्री वेंचर कैपिटल फंड और रूरल बैकयार्ड पॉल्ट्री डेवलपमेंट से अंडे के उत्पादन में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है।”