नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डेटा लोकलाइजेशन की अनिवार्यता की समयसीमा बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं।
सरकार के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भुगतान फर्मो के लिए डेटा लोकलाइजेशन यानी डेटा के स्थानीयकरण की अनिवार्यता पर अमल करने की समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।
सूत्रों ने कहा, “सरकार आरबीआई की डेटा लोकलाइजेशन योजना के लिए समयसीमा बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सरकार डेटा मिररिंग के विचार के पक्ष में भी नहीं है।”
यहां डेटा मिररिंग से अभिप्राय डेटा की प्रति बनाने व रखने से है।
डेटा लोकलाइजेशन के लिए आरबीआई की समयसीमा सोमवार को खत्म हो रही है।
केंद्रीय बैंक ने देश की भुगतान कंपनियों द्वारा सृजित डेटा का संग्रहण अनिवार्य कर दिया है। भुगतान कंपनियों को इस पर 15 अक्टूबर तक अपने अनुपालन की रिपोर्ट सुपुर्द करनी है।