बीजिंग, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रदूषण के खिलाफ जंग की दृष्टि से दिल्ली में सम-विषम यातायात योजना के दूसरे चरण की गत शुक्रवार को हुई शुरुआत का चीन ने समर्थन किया है।
बीजिंग के परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “अगर सम-विषम नम्बर प्लेट फार्मूला सही ढंग से पालन किया जाता है तो दिल्ली में यातायात की स्थिति बेहतर हो सकती है और यातायात संरचना भी आदर्शतम हो जाएगी।”
बीजिंग नगरपालिका आयोग में परिवहन विभाग के उप निदेशक झाऊ तियान ने कहा कि इस व्यवस्था से दिल्ली के लोगों का जीवन सुधर सकता है।
दिल्ली और बीजिंग में मध्यम वर्गीय लोगों की आय बढ़ने से कारों की मांग बढ़ गई है, जिससे यातायात संकट उत्पन्न होने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बदतर हो गया है।
नतीजा यह है कि ठंड के मौसम में दोनों शहरों में धुंध छाया रहता है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है।
हालांकि 2008 ओलंपिक से पहले बीजिंग में सम-विषम फार्मूला का सहारा लिया गया। दिल्ली में इस साल जनवरी में इसे लागू करने की सफल कोशिश हुई। वह भी तब जब न्यायपालिका ने भारतीय राजधानी को गैस चैंबर की संज्ञा दी।
झाऊ ने स्वीकार किया कि बीजिंग मेंसम-विषम योजना तब अपनाया गया, जब यहां बड़े कार्यक्रम होने थे। यह फार्मूला सफल रहा, लेकिन लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सम-विषम फार्मूला का सफल प्रयोग किया और इसके लिए उन्हें फार्चून पत्रिका की दुनिया के 50 बड़े नेताओं की सूची में जगह दी गई। हालांकि काफी लोग सम-विषम यातायात योजना को लेकर सशंकित थे। अब वे चाहते हैं कि यह फार्मूला हर महीने लागू हो।
दिल्ली में करीब 90 लाख वाहन हैं, जिनमें हर तीसरा वाहन कार है। बीजिंग में 55 लाख कारें हैं, लेकिन बीजिंग का दावा है कि चीनी राजधानी में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था दिल्ली से बेहतर है।
शांघाई के बाद बीजिंग में दूसरा लंबा मेट्रो नेटवर्क है। यहां 25000 हजार सार्वजनिक बसें हैं, जबकि दिल्ली में 4500 बसों का बेड़ा है।
पिछले कुछ वर्षो से बीजिंग में लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही ई-दुपहिया वाहनों को भी प्रश्रय दिया जा रहा है, जिसने काफी हद तक पेट्रोल चालित दुपहिया वाहनों की जगह ले ली है।