नई दिल्ली। समुद्र के भीतर से 3000 किलोमीटर दूर तक प्रहार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के-4 का गुप्त तरीके से हुआ परीक्षण सफल रहा।
इसी के साथ भारत के परमाणु मिसाइलों के जखीरे में एक और ताकत जुड़ गई।
यह मिसाइल समुद्र के अंदर बने फायरिंग प्लेटफार्म से चीन तक हमला करने में सक्षम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) सूत्रों के मुताबिक यह परीक्षण विशाखापट्टनम के तट पर बीती 24 मार्च को किया गया।
मिसाइल को समुद्र में 30 मीटर नीचे से लक्ष्य की ओर दागा गया, जो उसे सफलता पूर्वक भेदने में सफल रही। इसका नामकरण मिसाइल मैन के नाम से मशहूर प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है।
हम पांचवें देश
समुद्र के भीतर से मिसाइल दागने की क्षमता रखने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश है। के-4 मिसाइल 750 किमी मारक क्षमता वाली के-15 की उपयुक्त उत्तराधिकारी है।
के-15 को बी-05 के नाम से भी जाना जाता है, जो परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी अरिहंत के लिए तैयार है। हालांकि के-4 अभी नौसेना के बेड़े में शामिल नहीं हुई है। इसके और परीक्षण होने हैं। मिसाइल की लंबाई, चौड़ाई और वजन की जानकारी सामने नहीं आई है।