जीरा (पंजाब), 7 मई (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को संकल्प लिया कि हर एक से उसके किए अपराधों का हिसाब लिया जाएगा और इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने ‘अपने शासनकाल के दौरान सिख वोटरों को लुभाने के लिए पवित्र ग्रंथों की बेअदबी कर सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की थी।’
खडूर साहिब से कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर सिंह डिंपा के समर्थन में यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने ‘विभाजनकारी’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों जैसे शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) से देश की रक्षा के लिए और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी पार्टी को वोट देने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप जांच को पूरा करने के लिए 29 मई (जिस दिन आचार संहिता हटा ली जाएगी) को विशेष जांच दल में वापस आएंगे। उन्होंने कहा कि प्रताप को केंद्र की मदद से बादल परिवार द्वारा डाले गए दबाव के कारण चुनाव आयोग ने स्थानांतरित किया था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दोषी पाया जाता है, तो वे सलाखों के पीछे जाएंगे। उन्होंने अकाली सुप्रीमो से पूछा, “आपको क्या लगता है कि कब तक आप अपने कर्मो के फल से खुद को बचा सकते हैं?”
यह बताते हुए कि कांग्रेस सरकार में धर्म ग्रंथों की बेअदबी का एक भी मामला नहीं हुआ है, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अकाली शासन के दौरान मतदाताओं को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने के लिए जानबूझकर पवित्र ग्रंथों का अपमान किया गया।
भाजपा-एसएडी शासन के दौरान ‘पंजाब की पूरी बर्बादी’ का आरोप लगाते हुए सिंह ने लोगों से कांग्रेस को मजबूत करने और बादल को यह दिखाने को कहा कि आज सिख और पंजाब कहां खड़ा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में लोग बादल परिवार से छुटकारा पाना चाहते हैं और लोकतंत्र में ऐसा करने का एकमात्र तरीका उन्हें वोट न देना है। वह व्यक्तिगत रूप से फिरोजपुर एवं बठिंडा जाएंगे और एसएडी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ प्रचार करेंगे।
बादल पर राजनैतिक लाभ के लिए एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) और अकाल तख्त का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि सभी 13 कांग्रेस उम्मीदवारों को लोकसभा में भेजने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित कि जा सके कि एसजीपीसी चुनाव (जिनका समय आ चुका है) बिना देरी के हों।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘विभाजनकारी राजनीति’ पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर मोदी दूसरी बाद प्रधानमंत्री बने तो वह देश को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे।
उन्होंने कहा कि भारत को हर तरफ से खतरों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन मोदी केवल ‘मेरी फौज’ के संदर्भ में सोच रहे हैं। सिंह ने इसे बकवास कहकर खारिज कर दिया और दोहराया कि सशस्त्र बल प्रधानमंत्री के नहीं होते।
पंजाब में 19 मई को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतदान होगा।