मां दुर्गा की सातवीं शक्ति का स्वरूप कालरात्रि का है। उनके शरीर का रंग अंधकार की तरह काला है। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। तीन नेत्र ब्रहमांड की तरह गोल हैं, जिनसे ज्योति निकलती है। इस स्वरूप का ध्यान हमारे जीवन के अंधकार से मुकाबला कर उसे प्रकाश की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करता है। उनके श्वास-प्रश्वास से अग्नि की ज्वालाएं निकलती हैं। मां का ध्यान हमारे भीतर के काम, क्रोध, मद लोभ, मोह और अहंकार जैसे दुर्गुणों को भस्म कर देता है। मां गर्दभ (गधे) पर सवार हैं। उनका स्वरूप भले ही भयानक हो, किंतु इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है, क्योंकि ये अच्छे आचरण वालों का शुभ (कल्याण) ही करती हैं। मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमारे भीतर आत्मविश्वास जलाकर हममें कठिनाइयों तथा विपत्तियों से जूझने की क्षमता प्रदान कर हमारा पथ आलोकित करता है।
ध्यान मंत्र
करालरूपा कालाब्जसमाना कृति विग्रहा।
कालरात्रि: शुभं दद्यात् देवी चंडा˜हासिनी॥