एक वायरल वीडियो में दिखाया गया कि एक 32 वर्षीय युवक सिद्धार्थ शर्मा को दिल्ली में एक किशोर द्वारा चालित मर्सिडीज कार रौंद रही है। इसको लेकर दिल्ली में काफी हो-हंगामा हुआ है। लेकिन शर्मा अकेले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह उन 71 भारतीयों में एक हैं जो औसतन प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। यह रहस्योद्घाटन इंडिया स्पेंड एनालिसिस ने सरकारी आंकड़ों के आधार पर किया है।
एक वायरल वीडियो में दिखाया गया कि एक 32 वर्षीय युवक सिद्धार्थ शर्मा को दिल्ली में एक किशोर द्वारा चालित मर्सिडीज कार रौंद रही है। इसको लेकर दिल्ली में काफी हो-हंगामा हुआ है। लेकिन शर्मा अकेले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह उन 71 भारतीयों में एक हैं जो औसतन प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। यह रहस्योद्घाटन इंडिया स्पेंड एनालिसिस ने सरकारी आंकड़ों के आधार पर किया है।
इंडिया स्पेंड एनालिसिस के अनुसार भारत में 2014 में सड़क दुर्घटनाओं में 139,671 लोगों ने अपनी जानें गंवाईं। अर्थात 382 लोगों की प्रतिदिन मौत हुई। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली सबसे घातक शहर है। उस साल दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 1,671 लोग मरे।
शर्मा की मौत से दिल्ली की सड़कों पर बढ़ती अराजकता को लेकर सवाल उठे, क्योंकि विगत तीन वर्षो में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 24 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
गत साल दिसंबर में दिल्ली की यातायात पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय की अनुशंसाओं का अनुपालन किया। यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों के ड्राविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिए गए।
दिल्ली पुलिस (यातायात) के विशेष आयुक्त मुक्तेश चंदर ने एक वेबसाइट डीएनए से कहा, “पहली बार लालबत्ती पार करने, शराब पीकर वाहन चलाने, गाड़ी चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बातें करने और सामान ढोने की गाड़ी में सवारी चढ़ाने वालों के भी लाइसेंस जब्त और निलंबित कर दिए जाएंगे।”
वीडियो में दिखाया है कि शर्मा को उस समय रौंद दिया गया जब वह पैदल सड़क पार कर रहे थे। ऐसे 12,330 पैदल यात्री 2014 में कुचल दिए गए जो उस साल कुल मौत का 8.8 प्रतिशत है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रपट के अनुसार, 17 वर्षीय लड़का गाड़ी चला रहा था और उसके सात साथी गाड़ी में सवार थे। इसका अर्थ है कि उस लड़के के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, क्योंकि लाइसेंस पाने के लिए न्यूनतम 18 साल की आयु होना अनिवार्य है।
दुर्घटना रात में संभवत: 8.45 बजे हुई। करीब 17 प्रतिशत दुर्घटनाएं शाम छह बजे से रात 9 बजे के बीच होती हैं।
पुलिस ने जांच में पाया कि 8 फीसदी दुर्घटनाओं में चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थे और किशोर अपराध दोहराने के दोषी थे।
किशोर के पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता धारा 109 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसे धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए उसकाने) के साथ जोड़ कर पढ़ा जाएगा और पुत्र के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। देवानिक साहा दिल्ली में स्वतंत्र पत्रकार हैं। ये लेखक के निजी विचार हैं।)