नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी शनिवार को सऊदी अरब के बादशाह अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज अल साउद के अंतिम संस्कार में भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। बादशाह का शुक्रवार सुबह निधन हो गया।
सरकार ने एक दिन के लिए शनिवार को शोक घोषित कर रखा है और ध्वज आधा झुका दिया गया है।
उपराष्ट्रपति के आवास से एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि वे दोपहर 12.30 बजे के आसपास रवाना होंगे।
एक अधिकृत बयान में कहा गया है, बादशाह अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के निधन का समाचार सुन “भारत सरकार और जनता को गहरा शोक और दुख है।” शुक्रवार की सुबह निमोनिया से ग्रसित बादशाह का निधन हो गया।
बयान में आगे कहा गया, “बादशाह अब्दुल्लाह के नेतृत्व वाले समय में भारत ने सऊदी अरब के साथ करीबी दोस्ताना रिश्ता बनाए रखा। यह संबंध खास तौर से विदेश गए भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या में मौजूदगी से सुदृढ़ दिखती गई। वहां गए भारतीय समुदाय के लोगों को सऊदी अरब में घर के जैसी जगह मिली।”
अंसारी सऊदी अरब में (1995-1999 तक) भारत के राजदूत रह चुके हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराधिकार में बादशाह बने सलमान बिन अब्दुलाजीज अल साऊद को शोक संदेश भेजा है।
राष्ट्रपति भवन से जारी वक्तव्य में कहा गया है, “उनके निधन से सऊदी अरब ने एक प्रिय नेता, भारत ने एक करीबी दोस्त और दुनिया ने एक बुजुर्ग राजनेता खोया है।”
बयान में आगे कहा गया है, “बादशाह अब्दुल्ला भारत और हमारी जनता के प्रति गर्मजोशी और मुहब्बत रखते थे। वे निजी तौर पर भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध सुधारने के प्रति प्रतिबद्ध थे।”
मोदी ने सऊदी बादशाह को मार्गदर्शक ताकत बताया और कहा, “बादशाह अब्दुल्लाह के निधन के साथ हमने एक महत्वपूर्ण आवाज खो दिया है। वे अपने देश पर बने रहने वाला प्रभाव छोड़ गए हैं। मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी चिंता सऊदी अरब की जनता के साथ है। सऊदी अरब की जनता ने मातम की इस घड़ी में बादशाह अब्दुल्लाह के जैसा मार्गदर्शक की ताकत खो दिया है। कुछ दिनों पहले मैंने युवराज सलमान से बात की थी और उनसे बादशाह अब्दुल्लाह के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की थी। बादशाह अब्दुल्लाह के निधन की खबर से दुख पहुंचा है।”
भारत की ऊर्जा सुरक्षा सऊदी अरब पर बहुत निर्भर करती है। भारत के तेल का 20 प्रतिशत आयात वहीं से होता है।