नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। संस्कृत के प्रकांड विद्वान प्रभुनाथ द्विवेदी को उनकी रचना ‘कनकआलोचना’ के लिए साल 2014 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है। एक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
‘कनकआलोचना’ में 16 लघु कहानियां हैं, जो समाज को खोखला करने वाले विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर आधारित हैं।
द्विवेदी ने मिर्जापुर से टेलीफोन पर आईएएनएस से कहा, “यह मेरी चौथी रचना है। इससे पहले मैंने तीन पुस्तकें लिखी हैं, जो समाज में प्रचलित मुद्दों पर आधारित हैं।”
तीन दशक से ज्यादा समय तक द्विवेदी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य किया है।
कवि व आलोचक आदिल जुस्सावाला सहित अन्य विजेताओं के नामों की घोषणा दिसंबर 2014 में की गई थी। आदिल को उनकी कविता की किताब ‘ट्राइंग टू से गुडबाय’ के लिए पुरस्कृत किया गया है।
सभी विजेताओं को यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा यहां आयोजित फेस्टिवल ऑफ लेटर्स के दौरान दिया जाएगा।
इस पुरस्कार के तहत एक उत्कीर्ण ताम्र पत्र, एक शॉल तथा एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।