संयुक्त राष्ट्र, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान में जमकर शब्दों के तीर चले। पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दा उठाया और इसका हल न होने को संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी नाकामी बताया। भारत ने जवाब दिया कि कश्मीर मुद्दा इसलिए अनसुलझा हुआ है क्योंकि पाकिस्तान अपनी प्रतिबद्धताओं की अनदेखी कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान में जमकर शब्दों के तीर चले। पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दा उठाया और इसका हल न होने को संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी नाकामी बताया। भारत ने जवाब दिया कि कश्मीर मुद्दा इसलिए अनसुलझा हुआ है क्योंकि पाकिस्तान अपनी प्रतिबद्धताओं की अनदेखी कर रहा है।
नवाज ने कहा था कि कश्मीर का विसैन्यीकरण होना चाहिए। भारत ने जवाब में कहा कि पाकिस्तान पहले कश्मीर का विआतंकवादीकरण (डि-टेरोराइज) करे।
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाला कश्मीर खाली करे जहां पाकिस्तानी शासन के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि वह हिंसा और आतंकवाद से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान से बात करने के लिए तैयार है।
भारतीय राजनयिक अभिषेक सिंह ने जवाब देने के हक का इस्तेमाल करते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भारत के बारे में दिए गए बयान का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा इसलिए अनसुलझा हुआ है और दोनों देशों में इसलिए नहीं बात हो रही है क्योंकि पाकिस्तान प्रतिबद्धताओं की अनदेखी कर रहा है। फिर चाहे यह प्रतिबद्धता 1972 के शिमला समझौते के तहत की गई हो, आतंकवाद के खिलाफ 2004 में संयुक्त बयान की हो या फिर हाल में रूस के उफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई सहमतियों से संबधित हो।
अभिषेक ने कहा, “सभी मौकों पर भारत ने ही पहल कर दोस्ती का हाथ बढ़ाया।”
अभिषेक ने कहा, “समस्या की जड़ में यह बात है कि एक देश है जो अपनी शासकीय नीति में आतंकवाद के इस्तेमाल को वैधानिक उपाय मानता है। दुनिया इसे चिंता से देख रही है क्योंकि इसका असर इस देश के पड़ोसियों से बाहर भी फैल रहा है।”
उन्होंने कहा कि हम सभी मदद के लिए खड़े होंगे लेकिन तभी जब इस राक्षस को बनाने वाले इसके उन खतरों के प्रति जाग जाएं जो इन्होंने खुद को पहुंचाए हैं।
शरीफ ने अधिवेशन में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दा उठाया था। उन्होंने कश्मीर को कब्जा किया इलाका बताया था। उन्होंने सीमा पर गोलीबारी का जिक्र किया था और कश्मीर के विसैन्यीकरण की वकालत की थी।
अभिषेक ने कहा, “भारत को अफसोस है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र जैसी जगह का दुरुपयोग किया, सच्चाई को तोड़ मरोड़कर दिखाया और हमारे क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों की झूठी तस्वीर पेश की।”
अभिषेक ने कहा कि कश्मीर विदेशी कब्जे में है और “यह कब्जा करने वाला पाकिस्तान है।”
उन्होंने कहा कि सीमा पर गोलीबारी की मुख्य वजह इसकी आड़ में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश है। उन्होंने कहा, “इसे समझने के लिए कल्पना की जरूरत नहीं है कि कौन सा पक्ष इसकी शुरुआत करता है।”
पाकिस्तान कहता रहा है कि वह खुद आतंकवाद का शिकार है। अभिषेक ने कहा कि सच यह है कि वह आतंकवादियों को पैदा करने की अपनी नीति का शिकार है।
अभिषेक ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत की आपत्ति इसलिए है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय इलाके से होकर गुजरता है।
शरीफ ने अपने भाषण में चीन की दिल खोलकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि चीन वह आर्थिक गलियारा बना रहा है जो क्षेत्र में समृद्धि लाएगा। उन्होंने कहा, “मैं अफगानिस्तान समेत हमारे पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए चीन की सक्रिय भूमिका की सराहना करता हूं।”
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से करने और भारत को कश्मीर पर कब्जा करने वाला बताने की शरीफ की बातों का अपने ट्वीट के जरिए जवाब दिया।
शरीफ ने कहा था, “मुस्लिम पूरी दुनिया में यातना सह रहे हैं। कश्मीर और फिलिस्तीन विदेशी कब्जे द्वारा उत्पीड़ित हैं।”
स्वरूप ने ट्वीट किया, “पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने विदेशी कब्जे को सही पकड़ा है लेकिन कब्जा करने वाले को गलत। हम चाहते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर से जल्द से जल्द कब्जा हटाया जाए।”