श्रीलंका के सबसे बड़े उद्योग संघ ‘द सीलोन चैंबर ऑफ कॉमर्स’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मंगला पी.बी.यापा ने कहा कि चीन और श्रीलंका पिछले कई सालों से कारोबारी साझेदार रहे हैं और श्रीलंका के रणनीतिक महत्व की वजह से चीन श्रीलंका में निवेश कर सकता है, जिससे न सिर्फ दोनों देशों को लाभ होगा बल्कि अन्य दक्षिण एशियाई देशों को भी लाभ होगा।
यापा ने कहा, “चीन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। चीन में तेजी से बढ़ रहे मध्यवर्ग और उच्चवर्ग को कई तरह के माल और सेवाओं की जरूरत होगी, जो श्रीलंका उपलब्ध करा सकता है। दूसरी तरफ, चीन भी दुनियाभर में निवेश करना चाहता है और श्रीलंका को एक आकर्षक निवेश गंतव्य मानता है।”
अब तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार तीन अरब डॉलर से अधिक रहा है। लेकिन श्रीलंका चीन को अपना निर्यात बढ़ाने पर विचार कर रहा है। कारोबारी संबंध को और सुधारने के लिए चीन और श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए बात कर रहे हैं।
यापा ने कहा, “श्रीलंका के आर्थिक विकास के लिए चीन एक सशक्त साझेदार रहा है और रहेगा। मुझे लगता है कि संबंध को अधिक मजबूत करने की जरूरत है।” यापा ने बताया कि सिरिसेना का हाल ही में चीन का दौरा चीन के साथ देश के संबंधों को मजबूत करने का स्पष्ट संकेत था। उन्होंने आगे कहा कि इस लिहाज से यह नहीं लगता कि श्रीलंका में चीनी एफडीआई को आकृष्ट करने और श्रीलंका से चीन को निर्यात बढ़ाने में कोई बड़ी समस्या उत्पन्न होगी।