मुंबई, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर नए कारोबारी साल की प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर टिकी रहेगी।
आगामी सप्ताह में निवेशकों की नजर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर बनी रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंगलवार सात अप्रैल को नए कारोबारी साल की प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा बैठक है। रिजर्व बैंक ने इससे पहले 2015 में दो बार नियत समय से हटकर प्रमुख दरों में कुल 50 आधार अंकों की कटौती की है। बैंक की रेपो दर अभी 7.5 फीसदी है। यह वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक छोटी अवधि के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं।
सरकार शुक्रवार 10 अप्रैल को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी।
बाजार का अगला महत्वपूर्ण चरण कंपनियों की चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा का है, जो अप्रैल के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी।
मध्यपूर्व में उपजी राजनीतिक स्थिति पर भी निवेशकों की निगाह टिकी रहेगी, जहां सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों ने यमन में ईरान और उसके सहयोगी बलों की सेना पर हमला कर दिया है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल आपूर्ति प्रभावित होने का अंदेशा है, जिसका असर तेल मूल्य पर भी पड़ेगा।