मुंबई, 23 फरवरी (आईएएनएस)। शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के मद्देनजर देश की स्थिरता को लेकर मंगलवार को चिंता व्यक्त की है। मोदी ने रविवार को कहा था कि कुछ ताकतें उनकी सरकार को बदनाम और अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय ‘मोदी की वेदना’ में लिखा, “सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश को स्थिर रहना चाहिए।”
संपादकीय के मुताबिक, “धोखेबाज पाकिस्तान और असंतुष्ट एनजीओ एवं काला बाजारियों द्वारा उत्पन्न की गईं समस्याओं से घिरा महसूस कर रहे मोदी सही हैं।”
शिवसेना ने कहा कि दिसम्बर में मोदी की पाकिस्तान के अपने समकक्ष नवाज शरीफ से अनियोजित मुलाकात के बाद से आतंकी हमले अचानक बढ़ गए हैं।
शिवसेना ने कहा, “एक पड़ोसी के प्रति मोदी का इरादा ईमानदार और उदार था। लेकिन हमारा मत है कि पाकिस्तान ने पठानकोट हमले को अंजाम देकर उनकी पीठ में पीछे से वार किया है।”
पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी नेता आजम खान का आरोप कि मोदी-शरीफ मुलाकात के दौरान भगोड़ा माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम भी वहां मौजूद था और उसके बाद पठानकोट हमला होना सरकार की छवि खराब करने और उसे अस्थिर करने की साजिश है।
शिवसेना ने कहा, “मोदी ने सोचा था कि शरीफ से उनकी मुलाकात से सीमा पर गोलीबारी बंद हो जाएगी और घरेलू आतंकवाद समाप्त हो जाएगा, लेकिन हकीकत में उनकी उम्मीदों से बिल्कुल उल्टा हुआ।”
शिवसेना ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां अचानक बढ़ गई हैं और पिछले महीने 25 भारतीय जवानों और अर्धसैनिक जवानों की जानें चली गईं।
इसके अलावा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को श्रद्धांजलि, आरक्षण के लिए जाटों का हिंसात्मक आंदोलन और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) का कश्मीर में अपना झंडा फहराना और मोदी सरकार को चुनौती देने जैसी कई घटनाएं हुई हैं।
शिवसेना ने कहा, “हम यह सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे केवल मोदी सरकार की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की छवि धूमिल हो रही है।”
शिवसेना ने सवाल उठाया, “इन सब घटनाओं के पीछे कौन है, जो सरकार के रास्ते में रोड़े खड़े कर रहा है। इन हालिया घटनाओं को देखते हुए क्या देश स्थिर रहेगा?”
शिवसेना ने कहा कि वह चाहती है कि सरकार दीर्घकालिक और स्थिर रहे।