अनिल सिंह (भोपाल)– शिवराज सिंह के खासमखास भाजपा भोपाल के जिलाध्यक्ष आलोक शर्मा की भोपाल महापौर पद की दावेदारी अब आलोक शर्मा के लिए नहीं शिवराज सिंह के लिए महत्वपूर्ण बनती जा रही है.दरअसल आलोक शर्मा को अभी तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है लेकिन सूत्र बताते हैं की मुख्यमंत्री के सबसे नजदीकी ये ही रहे हैं और आलोक शर्मा ने इस नजदीकी का फायदा भी खूब उठाया है.इसके सबूत राजनैतिक विरोधियों ने संभाल कर रखे हुए हैं.
अब जब सभी जगह सन्देश फ़ैल गया है या फैलाया गया है की मुख्यमंत्री चाहते हैं की महापौर पद की उम्मीदवारी आलोक को मिले तो कई गुट सामने आ गए हैं.आलोक शर्मा को मुख्यमंत्री के अलावा कोई भी स्थानीय भाजपा का गुट नहीं चाहता है की वे उम्मीदवार बनें.यह खींच-तान पिछले चुनावों में देखी जा चुकी है.कोलार विधायक रामेश्वर शर्मा,विधायक विश्वाससारंग भोपाल से अपनी राजनैतिक उन्नति के ख़्वाब देखते हैं और वे इस समय में नहीं चाहते की ऐसा कोई सामने प्रतिद्वंदी रहे जो उनकी उड़ान में रोड़ा बने.
इस रणनीति में साथ में नाम तपन भौमिक का आ गया है इस नाम से भी बाकी उम्मीदवार चिंतित हैं अब देखना यह है की मुख्यमंत्री की शान आलोक के नाम के रूप में प्रदेश में चमकती है या आलोक की किस्मत फिर दगा देती है वैसे आलोक का पलड़ा अभी भारी है.खैर 5 जनवरी को सब सामने आ ही जाएगा की किसकी ताकत ज्यादा है.