रामेश्वर धाकड़-(भोपाल) शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा राजस्व क्षेत्र एवं सतनबाड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत पांच किलोमीटर के दायरे में पत्थर का अवैध उत्खनन जारी है। सुभाषपुरा राजस्व क्षेत्र के बम्हारी गांव से लेकर झोंपई गांव के आसपास राजस्व एवं वन भूमि पर खनन माफियाओं की भारी भरकम मशीनें संचालित हैं। इस क्षेत्र में मात्र छोटी-छोटी दो-तीन खदानें लीज पर हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर अवैध खदानें संचालित हैं। खनन माफिया छोटी लीज खदानों की रॉयल्टी लेकर अवैध खदानों के माल को आसानी से बाजार तक पहुंचा रहे हैं। इस खेल में जितनी मिली भगत राजस्व अमले की है, उतनी ही सांठगांठ वन अफसरों की है। खास बात यह है कि जिला कलेक्टर को अवैध उत्खनन की कोई सूचना नहीं है, लेकिन वन अधिकारी राजस्व भूमि पर अवैध उत्खनन होने की बात स्वीकारते हैं। बम्हारी थाना क्षेत्र के नजदीक अवैध रूप से पथरौली नाम से खदान संचालित है। यह खदान वन विभाग की मुनारों सटी है और मलवा मुनारों के अंदर फेंका जा रहा है। इससे आगे पाठखो, तरैया खो, नया एरिया, हनुमान पहाडिय़ा क्षेत्र में किसी अवैध खदान संचालित हैं। इस क्षेत्र में सबसे बड़ी खदान डोंगरी है, फिलहाल यह खदान कागजों में बंद है, लेकिन रोजाना इस खदान से 15 से 20 ट्रक पत्थर बाहर निकलता है।
रॉयल्टी का काला कारोबार
खनिज विभाग की ओर से एक ट्रक पत्थर की रॉयल्टी करीब ढाई हजार रुपए निर्धारित की है। लेकिन माफियाओं द्वारा 5 से 20 हजार रुपए तक वसूल किए जाते हैं। बताया गया कि इस क्षेत्र में एक छोटी सी खदान झिनिया लीज है, लेकिन इस खदान से उतना माल नहीं निकलता, जितनी रॉयल्टी की रसीद काटी जाती हैं। इसी तरह इस क्षेत्र में दो अन्य छोटी-छोटी खदानें लीज पर हैं, उनमें भी बहुत कम उत्खनन होता है। लेकिन रॉयल्टी की रसीद ज्यादा कटती हैं।
डुप्लीकेट रॉयल्टी का खेल
खनन कारोबार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि लीजधारी रॉयल्टी की रसीद भी डुप्लीकेट काटते हैं। जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा जो रसीद कट्टा लीज खदान धारियों को जारी किया जाता है, वे उसकी डुप्लीकेट कॉपी तैयार करा लेते हैं और रॉयल्टी काटते हैं।
जमीन खरीदकर कर रहे उत्खनन
भौगोलिक दृष्टि से इस क्षेत्र में जमीन के अंदर काफी तादाद में पत्थर है। खनन माफिया इस क्षेत्र के गांवों के स्थानीय लोगों की खेती की जमीन पर अवैध रूप से उत्खनन कर रहे हैं। दूसरे प्रदेश एवं जिलों के खदान माफिया इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। एक ताजा मामला देखने को मिला कि डोंगरी गांव के खसरा नंबर 421 की करीब एक हेक्टेयर जमीन को खरीदा गया और उस पर अवैध उत्खनन जारी है। माफियाओं को रहती है अफसरों की खबर खनन माफियाओं का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि उसके आगे प्रशासनिक तंत्र ध्वस्त है। जिस दिन जिला अधिकारियों का खनन क्षेत्र में दौरा होता है, उसकी पहले ही जानकारी मिल जाती है। जिससे माफिया हिटैची मशीन, डंफर, ट्रक लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाते हैं। जिम्मेदारों से सीधी बात
डीके अग्रवाल, सीएफ शिवपुरी सतनबाड़ा वन परिक्षेत्र के डोंगरी क्षेत्र में कितनी खदान लीज हैं? मुझे पता नहीं है, यह राजस्व विभाग वाले बता पाएंगे। डोंगरी क्षेत्र में 5 किमी तक अवैध उत्खनन हो रहा है इसकी आपको जानकारी है? हां, लेकिन वह राजस्व भूमि पर हो रहा है। वन अधिकारी पकड़ते क्यों नहीं है? राजस्व विभाग पर पर्याप्त अमला है तो हम क्यों कार्रवाई करें। अवैध उत्खनन रोकने की जिम्मेदारी आपकी भी तो हैं? हां, लेकिन मैं हर जगह नहीं देख सकता। जितना हो सकता है, हम कार्रवाई करते हैं। वैसे भी माफिया बहुत हावी हैं।
वन विभाग की मुनारों से सटकर अवैध उत्खनन हो रहा है? ऐसा मेरी जानकारी में नहीं है। मैं दिखवाता हूं।आरके जैन , कलेक्टर शिवपुरी
डोंगरी क्षेत्र में कितनी खदान लीज हैं? इसकी जानकारी मुझे नहीं है, आप माइनिंग अधिकारी से बात करें। राजस्व भूमि पर अवैध उत्खनन जारी है उसे रोकते क्यों नहीं है? मेरे भाई मैंने कहा न अवैध उत्खनन की जानकारी मुझे नहीं है। हर जानकारी कलेक्टर के पास नहीं होती। कलेक्टर से बात करूंगा शिवपुरी जिले में कितनी खदान लीज हैं। राजस्व या वन भूमि पर कितना अवैध उत्खनन हो रहा है इसकी जानकारी तो कलेक्टर ही बता पाएंगे। मैं कलेक्टर से बात करूंगा अजातशत्रु श्रीवास्तव, सचिव खनिज विभाग
वन अधिकारी बेकार की बात करते हैं। अवैध उत्खनन की जानकारी मिलती है तो हम कार्रवाई करते हैं। वैसे खनिज विभाग को अवैध उत्खनन पर कार्रवाई करना चाहिए। आरके पाण्डेय